Hindi, asked by cutekhushicute5847, 5 months ago

aatmavishvas par laghu katha lekhan

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Answered by rashminishad2005
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Answer:

आत्मविश्वास (अपना भरोसा) आत्मविश्वास का ज्ञान होते ही मनुष्य में दुगुना बल आ जाता है। हनुमान् जब अपने साथियों के साथ सीता की खोज में निकले तो पहाड़, जंगल, मैदान छान मारे; परन्तु सीता का - पता न लगा। आगे समुद्र आ गया। सब थककर चूर हो चुके थे.

वहीं धम्म से बैठ गये। वे सोचने लगे कि अब क्या करें ? उस समय जाम्बवान् ने ललकारा। उसने हनुमान् के आत्मविश्वास को जगाया। आत्मविश्वास का बोध होते ही हनुमान् की शक्ति के सामने समुद्र की शक्ति तुच्छ हो गई। अपनी बाँहों के बल पर हनुमान् समुद्र को तैरकर लंका में जा पहुँचे।

आत्मविश्वासी चाहे लकड़हारा हो या लुहार, किसान हो या गड़रिया, वैज्ञानिक हो या नाविक-वह भरोसे का आदमी होता है। वह इज्जत के लायक आदमी होता है। वह आत्मविश्वासी

दृढ़ मनुष्य होता है। वह फौलाद का बना हुआ होता है। ऐसा मनुष्य अपनी पत्नी तथा

बच्चों के लिए आवश्यकता पड़ने पर अपना सारा धन लुटा सकता है।

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