Biology, asked by Purestwater1381, 5 days ago

आवृत्तबीजी यों के उद्गम के विभिन्न सिद्धांतों का संक्षिप्त में वर्णन कीजिए

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Answered by MisSadaa007
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पुष्पित पौधे को आवृतबीजी भी जाना जाता हैं , 453 परिवारों में वर्गीकृत कम से कम 2,60,000 रहने वाले जाती के साथ दुनिया में भूमि पौधों की सबसे विविध समूह हैं। (आवृत्तबीजी शब्द दो ग्रीक शब्दों से उद्भव है - 'Angio' का अर्थ आवृत और 'स्पर्म' का अर्थ बीज )। आवृतबीजी दो समूहों एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री में बांटा जाता है।

Answered by Anonymous
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Explanation:

अनावृतबीजी या विवृतबीज (gymnosperm, जिम्नोस्पर्म, अर्थ: नग्न बीज) ऐसे पौधों और वृक्षों को कहा जाता है जिनके बीज फूलों में पनपने और फलों में बंद होने की बजाए छोटी टहनियों या शंकुओं में खुली ('नग्न') अवस्था में होते हैं। यह दशा 'आवृतबीजी' (angiosperm, ऐंजियोस्पर्म) वनस्पतियों से विपरीत होती है जिनपर फूल आते हैं (जिस कारणवश उन्हें 'फूलदार' या 'सपुष्पक' भी कहा जाता है) और जिनके बीज अक्सर फलों के अन्दर सुरक्षित होकर पनपते हैं। अनावृतबीजी वृक्षों का सबसे बड़ा उदाहरण कोणधारी हैं, जिनकी श्रेणी में चीड़ (पाइन), तालिसपत्र (यू), प्रसरल (स्प्रूस), सनोबर (फ़र) और देवदार (सीडर) शामिल हैं।[1]साइकस की पौध आंध्रप्रदेश व पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में तैयार की जाती है। इसका बड़ा तना लोगों का ध्यान खींचता है। वर्ष में एक बार इस पर नई पत्तियां आती हैं। इसमें गोबर की खाद डाली जाती है। इसका तना काले रंग का होता है। साइकस के पौधे की कीमत उसकी उम्र के साथ बढ़ती है।

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