Physics, asked by jaiminpandya246, 8 months ago

आवर्त कोष्टक कितने अंको का है​

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Answered by akbarhussain26
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जोहान्न वुल्फगांग डॉबेराइनर (Johann Wolfgang Dobereiner), जो एक जर्मन वैज्ञानिक थे, ने सन 1817 में तीन-तीन तत्वों वाले कुछ समूहों की पहचान की जिनके ग़ुण समान थे। उन्होनें तीन ? तीन तत्वों के समूहों के त्रिक कहा, जिसे डाबेराइनर के त्रिक के नाम से जाना जाता है।

वुल्फगांग डॉबेराइनर ने बताया कि त्रिक के तीनों तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान (Atomic mass) के आरोही क्रम (increasing order) में रखने पर बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान (Atomic mass), अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान (Atomic mass) का लगभग औसत होता है।

यथा: लीथियम (Li), सोडियम (Na) तथा पोटैशियम (K), जिनका परमाणु भार (Atomic mass) क्रमश: 7.0, 23.0, तथा 39.0 है। इनमें बीच वाले तत्व सोडियम (Na) का परमाणु भार (Atomic mass) अन्य दो तत्वों लीथियम (Li) तथा पोटैशियम (K) के परमाणु द्रव्यमान (Atomic mass) का औसत है।

डॉबेराइनर के त्रिक

Li Ca Cl

Na Sr Br

K Ba I

डोबेराइनर त्रिक के दोष या सीमाएँ (Drawbacks of Dobereiner Triads)

डोबेराइनर (Dobereiner) उस समय तक ज्ञात तत्वों में केवल तीन त्रिक (Triads) ही ज्ञात कर सके थे, जिसके कारण उनका तत्वों को त्रिक (Triads) में वर्गीकरण (Classification) करने की पद्धति सफल तथा उपयोगी नहीं रही।

न्यूलैंड का अष्टक सिद्धांत (Newland's Law of Octaves)

ज़ॉन न्यूलैंड, जो कि एक अंगरेज वैज्ञानिक थे, ने उस समय तक ज्ञात तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम (आरोही क्रम) में वर्गीकृत किया। न्यूलैंड के समय ज्ञात तत्वों की संख्यां 56 थी। उन्होंने वर्गीकरण में सबसे कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व हाइड्रोजन से शुरू कर वर्गीकरण को थोरियम पर समाप्त किया।

उन्होंने पाया कि प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के समान है। उन्होंने इस वर्गीकरण की तुलना संगीत के अष्टक से की तथा इसका नाम "अष्टक का सिद्धांत ('Law of Octaves')" रखा। न्यूलैंड के वर्गीकरण को "न्यूलैंड का अष्टक सिद्धांत (Newlands' Law of Octaves)" के नाम से जाना जाता है।

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