Chemistry, asked by pk8462578, 6 months ago

आवश्यक तथा अनावश्यक ऐमीनो अम्ल क्या होते हैं ? उदाहरण सहित बतायें।
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Answered by ayushisagar1000
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Answer:

अमीनो अम्ल क्या है- शरीर की प्रत्येक कोशिका को अमीनो अम्ल की आवश्यकता होती है तथा वह इसका उपयोग करती हैं. आपका शरीर भोजन में से प्रोटीन को उसके विशिष्ठ अमीनो अम्ल में विभाजित करता है जो की बाद में मिलकर शरीर के लिए आवश्यक विशेष प्रकार के प्रोटीन का निर्माण करते है. अमीनो अम्ल दो प्रकार के होते है:

आवश्यक तथा अनावश्यक.

शरीर अनावश्यक अमीनो अम्ल का उत्पादन कर सकता है परन्तु उसे आपके भोजन में से आवश्यक अमीनो अम्ल प्राप्त करना जरुरी होता है. अनावश्यक अमीनो अम्ल में एलानाइन, आर्जीनिन, एस्परेजिनिन, एस्पार्टिक अम्ल, सिस्टीन, ग्लूटेमिक अम्ल, ग्लूटेमाइन, ग्लाइसिन, प्रोलीन, प्रोलाइन, सेरीन, टौराइन, और टाइरोसीन शामिल हैं। आवश्यक अमीनो अम्ल में हिस्टिडीन, आइसोल्यूसिन, ल्यूसिन, लाइसिन, मेथिओनिन, फेनिलएलनिन, थेरियोनाइन, ट्राइप्टोफन और वेलिन शामिल हैं।

अमीनो अम्ल के सामान्य उपयोग मांसपेशियों को बनाए रखने और मरम्मत करने में. हृदय रोग उपचार निम्न रक्तचाप प्रतिरक्षा कार्यो को बढ़ावा देने तंत्रिका संबंधी कुछ विकार में सुधार अमीनो अम्ल के प्रमुख लाभ- विभिन्न अमीनो अम्ल (और उनके उपोत्पाद) हृदय रोग के उपचार में बहुत प्रभावी रहे हैं। यदि हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाये तो, कार्नीटाइन- अमीनो अम्ल के समान पदार्थ जो कि शरीर लाइसिन से पैदा करता है, हृदय को मजबूत करना, हृदय की गति रुकने के समय सहायता करना, और दिल का दौरा पड़ने के बचने की संभावना में सुधार कर सकता हैं। क्योंकि यह भी वसा के चयापचय में शामिल है, इसलिए कार्नीटाइन, ट्रीगयलसेराइड्स (कोलेसट्राल से संबंधित रक्त वसा) के बड़े हुए स्तर को कम करने में सहायता करता है. अनावश्यक अमीनो अम्ल आर्जिनिन रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर और रक्तचाप कम कर, दिल के दौरे और ह्रदय घात का खतरा कम कर देता है, यह एंजाइना के लक्षण तथा दर्द को भी कम करता है. टौराइन दिल की विफलता का उपचार, शरीर में सोडियम-पोटेशियम अनुपात संतुलन तथा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की बड़ी हुए गतिविधि को विनियमित करके उच्च रक्तचाप को कम करके, करता है। एन-एसिटाइलसिस्टीन (एनएसी), अमीनो अम्ल सिस्टीन का एक उप-उत्पाद है जो कि सिस्टीन से बेहतर अवशोषित कर लेता है, यह शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के उत्पादन को बढ़ावा देता है और स्वयं भी एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य कर सकता है. जैसे कि यह कोशिका क्षति की मरम्मत और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। एनएसी लम्बे समय से चल रहे श्वासंनली के प्रदाह में बलगम को पतला करता है और एसिटामिनोफेन की अधिक मात्रा लेने पर जिगर की सुरक्षा करने में उपयोगी होता है. यह इस तरह से विभिन्न स्क्लेरोसिस के रूप में मस्तिष्क या तंत्रिका कोशिकाओं के नुकसान से जुड़े विकारों के लिए उपयोगी हो सकता है. अमीनो अम्ल के अतिरिक्त लाभ- पाचन तंत्र की कोशिकाओं पर ध्यान केन्द्रित करने पर, ग्लूटेमाईन अल्सर को ठीक करने और चिड़चिडे आंत्र लक्षणों और विपुटिता को शांत कर सकता हैं. कुछ मस्तिष्क के रसायनों के उत्पादन को बढ़ाने के द्वारा, टौराइन मिर्गी में लोगों के लिए एक वरदान हो सकता है. यह पित्त में भी एक प्रमुख तत्व है तथा पथरी से बचाव कर सकता है. मधुमेय से ग्रसित लोगों को भी टौराइन से लाभ हो सकता है क्योंकि यह शरीर द्वारा इनसुलिन के प्रयोग में मदद करता है. कारनीटिन मांसपेशियों द्वारा उर्जा के लिए वसा को जलाना संभव करके मांसपेशियों को पोषित करता है. लाइसिन मुंह के छालों के लिए सबसे प्रभावी उपचार में से एक है और यह दाद और नासूर घावों के लिए भी उपयोगी है। (दूसरी ओर आर्जिनिन मुंह के छालो अथवा जननांग में दाद को बढ़ा सकता है) अमीनो अम्ल लेने का तरीका ख़ुराक: यदि आप अमीनो अमल को उपयोग एक महीने से अधिक समय के लिए कर रहे है तो, आप सभी अमीनो अम्ल की पर्याप्त तथा संतुलित मात्रा ले रहे है यह सुनिश्चित करने के लिए, एक मिश्रित अमीनो अम्ल लेवे जिसमे विभिन्न अमीनो अम्ल उपस्थित हो. उपयोग के लिए दिशानिर्देश: अमीनो अम्ल की खुराक तब अधिक प्रभावी होती है जब वे उच्च अमीनो प्रोटीन खाद्य पदार्थों में अमीनो अम्ल के साथ प्रतिस्पर्धा में नहीं होते हैं. खुराक खाना खाने के कम से कम डेढ घंटे पहले या बाद में ले ( सुबह या सोते समय सबसे अच्छा हो सकता है). अमीनो अम्ल की खुराक तीन महीनो से अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए, जब तक की आप उसके उपयोग से परिचित चिकित्सक की देखरेख में ना हो. आप मिश्रित अमीनो अम्ल की खुराक खाली पेट तथा अलग-अलग पूरक लेने के समय से अलग समय पर ले. संभव दुष्प्रभाव: अमीनो अम्ल की खुराक के कोई दुष्प्रभाव नही है जब तक की इसे अनुसंशित मात्रा में लिया जाये. कुछ अमीनो अम्ल की उच्च खुराक विषाक्त हो सकती है और मतली, उल्टी अथवा दस्त का कारण बन सकती है.

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