Hindi, asked by hhdjsj, 1 year ago

आयेभटः about aryabhatta few words in Sanskrit or Hindi.. ​

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Answered by Anonymous
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आर्यभट{Sanskrit}

भारतवर्ष को अमूल्य निधि है ज्ञान विज्ञान की सुदीर्घ परम्परा। इस परम्परा को सम्पोधित किया प्रबुद्ध मनीषियों ने। इन्हीं मनीषियों में अग्रगण्य थे आर्यभट। दशमलव पद्धति आदि । के प्रारम्भिक प्रयोक्ता आर्यभट ने गणित को नयी दिशा दी। इन्हें एवं इनके प्रवर्तित सिद्धान्तों को तत्कालीन रूढिवादियों का विरोध झेलना पड़ा। वस्तुत: गणित को विज्ञान

बनाने वाले तथा गणितीय गणना पद्धति के द्वारा आकाशीय पिण्डों की गति का प्रवर्तन| करने वाले ये प्रथम आचार्य थे। आचार्य के इसी वैदुष्य का उद्घाटन प्रस्तुत पाठ में है।

Answered by nishasingh88
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आर्यभट्ट प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिष विद और गणितज्ञ थे।इन्होंने 23 वर्ष की उम्र में आर्यभटिय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिष शास्त्र के अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन है। इसी ग्रंथ में इन्होंने अपना जन्म स्थान कुसुमपुर और जन्म काल संवत 398 लिखा है । अपनी खगोलीय खोजों के बाद इन्होंने सार्वजनिक घोषणा की कि पृथ्वी 365 दिन 6 घंटे 12 मिनट और 30 सेकंड मे सूर्य का एक चक्कर लगाती है ।आर्यभट्ट के अनुसार पृथ्वी एक महा युग में 1582237500 बार घूमती है। आर्यभट ने गणित के नये-नये नियम खोजे। ऐसा प्रतित होता है कि वे शून्य का चिन्ह जानते थे। पाई का मान उन्होंने 3.1622 निकाला जो आधुनिक मान के बराबर ही है। आर्यभट ने बडी संख्याओं को संक्षेप में लिखने के लिए अक्षरांक विधी की खोज की, जैसे की 1 के लिए ’अ’, और 100 के लिए ’इ’ 10000 के लिए ’उ’ 10 अरब के लिए ’ए’ इत्यादि।आर्यभट्ट का निधन 550ईसा पूर्व में हुआ ।

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