आय और व्यय खाते का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
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यह एक लेखा वर्ष के लिए आय और व्यय खाते का सारांश होता है। यह एक व्यापारिक संस्थान द्वारा उपार्जन आधार पर तैयार किए गए लाभ और हानि खाते की तरह ही होता है। इस खाते में केवल आयगत प्रकृति की मदों (रक़म ) को शामिल किया जाता है तथा वर्ष के अंत में शेष आधिक्य तथा कमी को दर्शाता है। आय तथा व्यय खाते का उद्देश्य एक व्यापारिक संस्थान के लिए लाभ व हानि खाते की तरह ही होता है। चालू अवधि से संबंधित सभी आयगत मदें (रक़म ) इस खाते में दर्शाई जाती हैं। सभी व्यय तथा हानियों को व्यय पक्ष में तथा सभी आय तथा लाभों को आय पक्ष में दर्शाया जाता है। यह निवल प्रचालन परिणाम, अधिशेष के रूप में (आय का व्यय पर आधिक्य) तथा छपाई (व्यय पर आय का आधिक्य) के रूप में दर्शाता है। जो कि तुलन पत्र में दर्शाये गए पूँजी निधि में हस्तांतरित किया जाता है।
आय और व्यय खाते को दिए गए प्राप्ति एवं भुगतान खाते तथा बकाया तथा अग्रिम से संबंधित अतिरिक्त सूचनाएँ, ह्रास इत्यादि की सहायता से उपार्जन क्षमता के आधार पर तैयार किया जाता है इसलिए अनेक मदें (रक़म ) जो कि प्राप्ति एवं भुगतान खाते में दर्शायी जाती हैं, को समायोजित करने की आवश्यकता पड़ती है।
यह खाता एक नाममात्र खाता होता है जो गैर व्यापारी संस्थाओं एवं संगठनों द्वारा तैयार किया जाता
है। इसमें केवल आयगत आय एवं व्ययों का ही लेखा किया जाता है। डेबिट पक्ष में सभी आयगत
व्ययों तथा क्रेडिट पक्ष में सभी आयगत आयों का ही लेखा किया जाता है। इसमें पूँजीगत मदें नहीं
दिखायी जातीं हैं। वर्ष के अन्त में इस खातें का शेष निकाला जाता है।