आज़ादी' कविता का मूल संदेश आज के समाज में घट रही घटनाओं का उदाहरण देते हुए सपषट कीजिए।
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आजा़दी केवल एक शब्द नहीं है बल्कि एक आवाज़ है जो चीख चीख कर क्रांति की गुहार लगाती है।
आज़ादी यानी हर चीज़ की आज़ादी। कल आज़ाद था भारत अंग्रेजों के चंगुल से। परंतु ,आज फिर गुलाम हो चुका है भारत अपने ही देश के लोगों से।
आज अक्सर टी.वी.पर हम गलत खबरे सुनते है।
पति ने पत्नी का खून कर दिया। यह सब क्या है यानी की मरने वाली औरत अपने विचारों से आज़ाद नहीं थी। जिस वजह से वह मौत का शिकार हुई।
आज़ादी किताबों में पढ़ लेने से या जान लेने से नहीं होती।उसके लिए स्वच्छंद विचारधारा रखना होता है।
असली आज़ादी तब आऐगी।
आज़ादी यानी हर चीज़ की आज़ादी। कल आज़ाद था भारत अंग्रेजों के चंगुल से। परंतु ,आज फिर गुलाम हो चुका है भारत अपने ही देश के लोगों से।
आज अक्सर टी.वी.पर हम गलत खबरे सुनते है।
पति ने पत्नी का खून कर दिया। यह सब क्या है यानी की मरने वाली औरत अपने विचारों से आज़ाद नहीं थी। जिस वजह से वह मौत का शिकार हुई।
आज़ादी किताबों में पढ़ लेने से या जान लेने से नहीं होती।उसके लिए स्वच्छंद विचारधारा रखना होता है।
असली आज़ादी तब आऐगी।
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