आज़ादी से पहले किसानों की समस्याएँ निम्नलिखित थीं-"गरीबी, कर्ज़, निहित स्वार्थ, ज़मींदार, महाजन, भारी लगान और कर, पुलिस के अत्याचार..." आपके विचार से आजकल किसानों की समस्याएँ कौन-कौन सी हैं?
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समय के साथ समाज में परिवर्तन आते हैं पर उन में समय लगता है। आजादी से पहले किसानों की जो समस्याएं थी उनमें किसानों की गरीबी, कर्ज़ , निहित स्वार्थ, महाजन ,पुलिस के अत्याचार आदि अभी भी बहुत कम नहीं हुए हैं। छोटे किसानों की स्थिति तो पहले से भी बुरी है। बैंकों और बिजली की सुविधाएं से किसान का जीवन कुछ सुधरा तो अवश्य है परंतु न तो वह अति संपन्न हुआ है और न ही उसके क्लेश कम हुए हैं। अब किसान को बैंकों से ऋण की सुविधा मिलती है परंतु ऊंची ब्याज दर उसे कहीं का नहीं रहने देती। बिजली का लाभ उन किसानों को है जो ट्यूबवेल लगवाने में सक्षम है। पहले जमींदारी प्रथा थी पर अब भी बड़े किसानों की दृष्टि सदा अपने साथ लगने वाले खेतों की तरफ लगी रहती है। पिछले कुछ वर्षों में किसानों द्वारा दी जाने वाली आत्महत्या की दर में बढ़ोतरी भी स्पष्ट रूप से सिद्ध करती है कि आजादी के बाद भी किसानों के अधिकार समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है। सिंचाई की सुविधा ,बिजली, उन्नत बीज, खाद आदि सुविधाओं के बाद भी किसानों के सामने भिन्न प्रकार की समस्याएं मुंह खोले खड़ी है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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आजादी से पहले किसानों की जो समस्याएं थी उनमें किसानों की गरीबी, कर्ज़ , निहित स्वार्थ, महाजन ,पुलिस के अत्याचार आदि अभी भी बहुत कम नहीं हुए हैं। छोटे किसानों की स्थिति तो पहले से भी बुरी है। बैंकों और बिजली की सुविधाएं से किसान का जीवन कुछ सुधरा तो अवश्य है परंतु न तो वह अति संपन्न हुआ है और न ही उसके क्लेश कम हुए हैं।
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