अब, ब तथा से क्रमश : 50000, 30000 व 20000 की पूंजी लगाकर साझेदार है ।उनके समझौते के अनुसार पूजी पर 6% प्रति वर्ष ब्याज दिया जाएगा , परंतु आहरण पर कोई ब्याज न होगा । लाभ वाले हानि 3:2:1 के अनुपात मे बाटे जायेगे तथा स को प्रति वर्ष 5000 वेतन दिया जाएगा ।सन् 2018 मे साझेदारो ने क्रमश 6000 , 5000 व 6000 निकाले । ब ने 2000 की लागत का माल लिया , जिसकी पुस्तको मे कोई प्रविष्ट नही की गयी ।ब्याज, वेतन व माल लिखने से पहले सन् 2018 का व्यापारिक लाभ 60000 था ।साझेदारो के चालू खाते व लाभ हानि वितरण खाते बनाइए ।
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परंतु आहरण पर कोई ब्याज न होगा । लाभ वाले हानि 3:2:1 के अनुपात मे बाटे जायेगे तथा स को प्रति वर्ष 5000 वेतन दिया जाएगा ।सन् 2018 मे साझेदारो ने क्रमश 6000 , 5000 व 6000 निकाले । ब ने 2000 की लागत का माल लिया , जिसकी पुस्तको मे कोई प्रविष्ट नही की गयी ।ब्याज, वेतन व माल लिखने से पहले सन् 2018 का व्यापारिक लाभ 60000 था ।साझेदारो के चालू खाते व लाभ हानि वितरण खाते बनाइए ।
चालू खाते का उपयोग व्यापारियों के द्वारा सबसे जायदा किया जाता है जिन्हें कि अधिक लेनदेन की आवश्यकता होती है। चालू खाते में पैसे जमा करवाना, निकलवाना आदि काम शामिल होते हैं। इसलिए चालू खाते को कभी कभी मांग जमा खाता भी कहा जाता है। चालू खाता किसी भी सहकारी और वाणिज्यिक बैंक में खोला जा सकता है। इस खाते का बचत खाते के ऊपर यह लाभ है कि हम चालू खाते में बिना कोई पूर्व सूचना दिए बैंक से पैसे निकाल सकते हैं या खाते में डाल भी सकते हैं। भारत में चालू खाता 5,000 रूपए से लेकर 25,000 रुपए तक खोला जा सकता है। इस खाते की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस खाते से लेनदारों को चेक के माध्यम से भी भुगतान कर सकते हैं और चेक के माध्यम से पैसे जमा भी करवा सकते हैं। परंतु इसमें पैसों पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। आइए अब हम जानते हैं कि चालू खाता क्या है और कैसे इसका लाभ लिया जा सकता है: