अब भी हरी भरी धरती है
ऊपर नील वितान है
पर न प्यार हो तो जग सूना
जलता रेगिस्तान है
isske vyakha hindi mein karne hai
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it's already in hindi language mate
neha30211518:
is it helpful for u
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यह पंक्तियां ‘विनय महाजन’ द्वारा रचित “मत बांटो इंसान को” कविता से ली गई हैं। इन पक्तियों का अर्थ इस प्रकार होगा।
भावार्थ — कवि कहता है कि चारों तरफ हरी-भरी धरती है और ऊपर नीला आकाश है। लेकिन इस हरी-भरी धरती और ऊपर नीले आकाश से यह धरती बेहद सुंदर दिखाई देती है। लेकिन यह हरी भरी धरती कितनी भी सुंदर हो लेकिन इसका सुंदरता प्यार के बिना अधूरी है। अर्थात जब इस जगत में सब लोग एक दूसरे से प्रेम करें, सद्भाव से रहें तब ही इस हरी भरी धरती का महत्व है। अगर लोग एक दूसरे के प्रति द्वेष भाव रखेंगे तो यही हरी-भरी धरती भी एक जलते हुए रेगिस्तान के सामान बन जाती है।
यहां इन पंक्तियों में कवि ने प्रेम और सद्भाव का महत्व बताया है और सभी इंसानों को भाईचारे से रहने की प्रेरणा दी है।
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