Hindi, asked by zeelshah777, 8 months ago

अब्राहम लिंकन द्वारा अपने पुत्र के अध्यापक को लिखा पत्र अथवा सुभाष चंद्र बोस का अपनी मां के लिए लिखा पत्र पढ़िए और उसका भाव बताते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए ( class 8 hindi ch 5)​

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Answered by jha37731
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Explanation:

तीन बरम हुए मैंने ये खत अपनी पुत्री इन्दिरा को लिखे थे। वह उस समय मसूरी में हिमालय पर थी और में इलाहाबाद में था। वह दस वर्ष की थी और ये खत उसी के लिए लिखे गये थे और किसी और का खयाल नही था। लेकिन फिर बाद में बहुत मित्रों ने मुझे राय दी कि मै इनको छपवाऊँ ताकि और लडके और लडकियाँ भी इनको पढ़ें।

पत्र अग्रेजी भाषा में लिखे गये थे और करीव दो वर्ष हुए अग्रेजी में छपे भी थे । मुझे आशा थी कि हिन्दी में भी जल्दी निकलें लेकिन और कामो में मे फँसा रहा और कई कठिनाइयाँ पेश था गईं इसलिए देर हो गई।

ये खत एकाएक खतम हो जाते है। गर्मी का मौसम खतम हुआ और इन्दिरा पहाड से उतर आई। फिर ऐसे खत लिखने का मौका मुझे नही मिला। उसके बाद के साल वह पहाड नही गई और दो बरस बाद १९३० में मुझे नैनी की—जो पहाड नही है— यात्रा करनी पडी। नैनी जेल में कुछ और पत्र मैने इंदिरा को लिखे लेकिन वे भी प्रघूरे रह गए औौर में छोड़ दिया गया। ये नए खत इस किताब में शामिल नहीं है। अगर मुझे बाद में कुछ और लिखने का मौका मिला तब शायद वे भी छापे जावें।

मुझे मालूम नही कि लडके और लड़कियाँ खतो को पसन्द करेंगे या नही। पर मुझे आशा है कि जो इनको पढ़ेंगे वे इस हमारी दुनिया और उसके रहने वालो को एक वडा कुटुम्ब समझेंगे और जो भिन्न-भिन्न देशो

के रहने वालो में वैमनस्य और दुश्मनी है वह उनमें नही होगी। इन अग्रेजी पत्रो का हिंदी में अनुवाद श्री प्रेमचंद जी ने किया है और

उनका मै बहुत मशकूर हूँ।

आनंदभवन, ६ जुलाई, १९३१ }

जवाहरलाल नेहरू

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