Hindi, asked by MysTiCaLquEEn, 11 months ago

अब रजत स्वर्ण मंजरियों से
लद गई आम्र तरु की डाली
झर रहे ढ़ाक, पीपल के दल
हो उठी कोकिला मतवाली।
महके कटहल, मुकुलित जामुन
जंगल में झरबेरी झूली,
फूले आड़ू, नीम्बू, दारिम
आलू, गोभी, बैगन, मूली।

Iski vakhya batao​

Answers

Answered by rishika79
2

Answer:

Iska vyakhya yah hai ki

Explanation:

आम के पेड़ की डाली चांदी और सोने की मंजरियों से लद गये हैं। आम के बौर की खुशबू आप पर नशे जैसा असर कर सकती है। पीपल के पत्ते झरने शुरु हो गये हैं और कोयल वसंत ऋतु की मादकता में मतवाली हो गई है। कटहल के पेड़ों से और अधखिले जामुन के फूलों से माहौल महकने लगा है। झरबेरी की झाड़ियाँ भी फूलों के वजन से लदकर झूलने लगी हैं। साथ में अन्य पौधों के फूल पूरी तस्वीर को मूर्त रूप दे रहे हैं।

Hope it helps you....

Answered by Anonymous
8

अब रजत स्वर्ण मंजरियों से

लद गई आम्र तरु की डाली

झर रहे ढ़ाक, पीपल के दल

हो उठी कोकिला मतवाली।

महके कटहल, मुकुलित जामुन

जंगल में झरबेरी झूली,

फूले आड़ू, नीम्बू, दारिम

आलू, गोभी, बैगन, मूली।

⏩ बसंत ऋतु का वर्णन है। आम के पेड़ों में चांदी और सोने के रंग की मंझरिया आ गई है। ढाक और पीपल के पत्ते गिरने लगे है। कोयल मस्त हो कूक रही है। कटहल महकने लगे हैं और जामुन में कलियां आ गई है। जंगलों में छोटी कँटीला बेर झूल रही है। आडू, निंबू और दाढ़ी के पेड़ तथा आलू, गोभी, बैंगन, मूली सब्जियों के पौधे में फल आ गए हैं।

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