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UP Board Solutions for Class 10 Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद
August 28, 2018 by Safia
UP Board Solutions for Class 10 Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद
These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद.
हिन्दी-संस्कृत अनुवाद
अनुवाद के लिए जानने योग्य बातें
हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते समय वाक्य में आये हुए शब्दों तथा धातुओं के रूपों का वचन, पुरुष, लिङ्ग, लकार तथा कारक के अनुसार प्रयोग करना चाहिए।
1. कर्ता, क्रिया और धातु
कर्ता—क्रिया के करने वाले को कर्ता कहते हैं; जैसे—राम: पठति। इस वाक्य में ‘राम:’ कर्ता है।
क्रिया-जिसमें किसी काम को करना या होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे-रामः, पठति। इस वाक्य में ‘पठति’ क्रिया है।
धातु–क्रिया के मूल रूप को धातु (UPBoardSolutions.com) कहते हैं; जैसे-‘पठति’ क्रिया का मूल रूप ‘पद् (धातु) है।
2. संस्कृत में तीन वचन होते हैं
(1) एकवचन-जिससे किसी एक (वस्तु अथवा व्यक्ति) का बोध होता है; जैसे-वह, राम, बालक, पुस्तक आदि।
(2) द्विवचन-जिससे दो (वस्तुओं अथवा व्यक्तियों) का ज्ञान होता है; जैसे—वे दोनों, दो बालक, दो पुस्तकें आदि।
(3) बहुवचन-जिससे दो से अधिक (वस्तुओं अथवा व्यक्तियों) का बोध होता है; जैसे-वे सब, लड़के, पुस्तकें आदि।
3. संस्कृत में तीन पुरुष होते हैं
(1) प्रथम पुरुष–जिसके सम्बन्ध में बात की जाती है; जैसे—वह (सः), वे दोनों (तौ), वे सब (ते)।
(2) मध्यम पुरुष–जिससे बात की जाती है; जैसे-तुम (त्वम्), तुम दोनों (युवाम्), तुम सब (यूयम्)।
(3) उत्तम पुरुष-स्वयं बात करने वाला; जैसे—मैं (अहम्), हम दोनों (आवाम्), हम सब (वयम्)।
त्वम्, युवाम्, यूयम्, अहम्, आवाम्, वयम्-इन छ: कर्ताओं को छोड़कर अन्य सभी कर्ता प्रथम पुरुष में आते हैं।
4. संस्कृत में लिङ्ग तीन प्रकार के होते हैं
(1) पुंल्लिङ्ग–जिससे पुरुष जाति का बोध होता है; जैसे—स:, रामः, रविः, भानुः आदि।
(2) स्त्रीलिङ्ग–जिससे स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे—सा, रमा, मति, धेनु, नदी आदि।
(3) नपुंसकलिङ्ग–जिससे न पुरुष जाति का और (UPBoardSolutions.com) न स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे-फल, मधु, वारि, जगत्, मनस् आदि।
5. संस्कृत में मुख्य लकार पाँच होते हैं
(1) लट् लकार (वर्तमानकाल)।
(2) लङ् लकार (भूतकाल)।
(3) लृट् लकार ( भविष्यत्काल)।
(4) लोट् लकार (आज्ञार्थ)।
(5) विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ, चाहिए अर्थ में)।
Answer:
My same paper, but I don't know the answer
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