अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत –
अभी न होगा मेरा अंत।
हरे-हरे ये पात,
डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात।
मैं ही अपना स्वप्न – मृदुल-कर
फेरूँगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्यूष मनोहर।
1.कवि पुष्प - पुष्प से क्या खींच लेना चाहता है ?
2.कवि खिले फूलों को कहाँ का द्वार दिखाना चाहता है ?
3.कविता में कलियाँ किसके प्रतीक के रूप में आई हैं ?
4.इस पद्यांश के कवि का नाम है ?
5. उपर्युक्त पद्यांश में से " अनुस्वर , अनुनासिक " दो-दो छाँटकर लिखिए
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koi bhi nahi laga ki harbhajan india ke strike bowler hai jo ki pichhle saal ki ladki ko sach hai jo ki pichhle saal ki ladki ko sach hai jo ki pichhle saal ki ladki ne hi there I was wondering if you 43
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