अभिवादन शैली का महत्व बताते हुए अपने विदेश में रहने वाले दोस्त को पत्र लिखिए
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अभिवादन शैली का महत्व बताते हुए अपने विदेश में रहने वाले दोस्त को पत्र लिखिए:
शुक्ला निवास ,
हाउस नंबर :34 D
लिफ्ट रोड़
शिमला |
प्रिय मित्र ,
हेल्लो आशीष , आशा करता हूँ तुम अपने परिवार के साथ विदेश में सुरक्षित होगे | तुम हमेशा से ही विदेश में रहे हो | तुम्हें भारत की संस्कृति के बारे में नहीं पता होगा | आज मैंने पत्र में तुम्हें अभिवादन शैली के महत्व के बारे में बताना चाहता हूँ |
हमारे यहाँ पर भारतीय संस्कृति में हम अपने छोटों और बड़ों का अभिवादन करते है| अभिवादन किसी भी प्रकार का हो सकता है| हम कह सकते है सामने वाले के प्रति आभार, इज्जत , सम्मान प्रकट करना अभिवादन कहलाता है|
हम अभिवादन करने लिए इन सब शब्दों का प्रयोग करते है | नमन, नमस्ते, नमामि, नमोनमः, वंदन, वंदे , राम राम कहना , जय श्री कृष्ण कहना , चरणों का स्पर्श करना| इस प्रकार हमारे यहाँ बड़ों को सम्मान दिया जाता है |
अपना ध्यान रखना | तुम्हारे पत्र का इंतजार करूंगा |
तुम्हारा मित्र ,
अंशुल शुक्ला |