अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता
(अ) इन प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
1. धैर्य ही मनुष्य का साथ कैसे देता है?
2. अच्छी संगति से क्या लाभ होते हैं?
3. नकुल के लिए जीवनदान माँगकर युधिष्ठिर ने सही किया या गलत? अपन उत्तर
का कारण बताइए।
(आ) यक्ष के किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर अपने दृष्टिकोण के आधार पर लिखिए।
(इ) यदि यक्ष के स्थान पर आप होते तो कौन-कौन से प्रश्न पूछते?
(ई) 'यक्ष प्रश्न' पाठ आपको क्यों अच्छा लगा? अपने शब्दों में लिखिए।
Answers
1. धैर्य ही मनुष्य का साथ कैसे देता है?
➲ धैर्य मनुष्य का हमेशा साथ देता है, क्योंकि किसी भी संकट की घड़ी में यदि मनुष्य धीरज धारण करके रखता है तो वह विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला सहज होकर कर पाता है। धैर्य मनुष्य को सहन शक्ति प्रदान करता है और वह संकटों का सामना सहजता से कर पाता है। यदि मनोज अपना मनुष्य अपना धैर्य खो देगा तो विपत्ति उस पर हावी हो जाएगी और वह विपत्ति का सामना नहीं कर पाएगा।
2. अच्छी संगति से क्या लाभ होते हैं?
➲ अच्छी संगत के यह लाभ होते हैं कि अच्छी संगत से हमारे अंदर सद्गुणों का विकास होता है। यदि हम अच्छे विचारों वाले व्यक्ति के पास निरंतर बैठेंगे तो उससे हमारे विचार भी शुद्ध होंगे, उसके विचारों का प्रभाव हमारे मन मस्तिष्क पर भी पड़ेगा। यदि हम निकृष्ट विचार वाले व्यक्तियों के पास बैठेंगे तो उनकी गलत विचारों का प्रवाह हम पर पड़ेगा और उनके गलत आदतें आदि हम भी अपना सकते हैं, इसी कारण अच्छी संगति से सदैव सद्गुणों का विकास होता है और मनुष्य श्रेष्ठ मानव बनता है।
3. नकुल के लिए जीवनदान माँगकर युधिष्ठिर ने सही किया या गलत? अपन उत्तर का कारण बताइए।
➲ नकुल के लिए जीवनदान मांगकर युधिष्ठिर ने सही किया, क्योंकि युधिष्ठिर की दो माताएं थीं। कुंती और माद्री। कुंती उनकी असली माता थी तो माद्री उनकी विमाता थीं। वह, भीम और अर्जुन तीनों कुंती के पुत्र थे और नकुल-सहदेव माद्री पुत्र थे। युधिष्ठिर ने अपनी विमाता माद्री को सदैव नकुल-सहदेव की रक्षा का वचन भी दिया था। नकुल का जीवनदान मांगकर वे कम से कम नकुल का जीवन तो बचा सके और अपने वचन का आधा तो पालन कर सके।
(इ) यदि यक्ष के स्थान पर आप होते तो कौन-कौन से प्रश्न पूछते?
➲ यदि हम युधिष्ठिर के स्थान पर होते तो हम भी वही प्रश्न पूछते जो यक्ष ने पूछे थे, एकदम तर्कसंगत और समयानुकूल थे।
(ई) 'यक्ष प्रश्न' पाठ आपको क्यों अच्छा लगा? अपने शब्दों में लिखिए।
➲ यक्ष पाठ हमें अच्छा लगा क्योंकि यह हमें नैतिक शिक्षा देता है। यक्ष द्वारा पूछे गए प्रश्न हमारे जीवन के लिए प्रेरणास्पद बनते हैं और उन प्रश्नों के उत्तर के माध्यम से हमें अपने जीवन में अच्छा करने की सीख मिलती है, इसी कारण यक्ष पाठ हमको अच्छा लगता है।
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