अभ्यास 14.9 में, मान लीजिए जब कमानी अतानित अवस्था में है तब पिण्ड की स्थिति x= 0 है तथा बाएँ से दाएँ की दिशा x-अक्ष की धनात्मक दिशा है । दोलन करते पिण्ड के विस्थापन x को समय के फलन के रूप में दर्शाइए, जबकि विराम घड़ी को आरंभ (t = 0) करते समय पिण्ड,
(a) अपनी माध्य स्थिति,
(b) अधिकतम तानित स्थिति, तथा
(c) अधिकतम संपीडन की स्थिति पर है।
सरल आवर्त गति के लिए ये फलन एक दूसरे से आवृत्ति में, आयाम में अथवा आरंभिक कला में किस रूप में भिन्न हैं ?
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दोलन करते पिण्ड के विस्थापन x को समय के फलन के रूप में दर्शाना।
Explanation:
सरल आवर्त गति का समीकरण -
X(t) = Asin( wt + ∅)
(a) मध्य स्थिति में
x = 0 , t = 0
0 = Asin(w×0 + ∅)
∅ = 0
इसलिए x(t) = Asinwt
w = √{K/m}= √{ 1200/3} = 20 rad/s
x(t) = Asin20t = 2sin20t
(b) अधिकतम तनित स्थिति,
t = 0, x = +A
A = Asin(w× 0 + ∅)
1 = sin∅
∅ = π/2
समीकरण x(t) = Asin(wt + π/2)
x(t) = 2sin(20t + π/2)
X(t) = 2cos20t
(c) अधिकतम संपीडन की स्थिति पर
t = 0 , x = -A
x(t) = Asin(wt + ∅)
-A = Asin(w × 0 + ∅)
∅ = -π/2
समीकरण x(t) = Asin(20t - π/2)
x(t) = -2cos20t
आवर्त गति किसे कहते हैं?
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