Hindi, asked by vasantraut879, 7 months ago

अभ्यास - कार्य
1 . कवि किन उदाहरणों द्वारा ईश्वर से भक्त की एकात्मकता को प्रमाणित किया है ?
2 . रैदास की भक्ति किस प्रकार की है ? इसे आप किस प्रकार सिद्ध कर सकते हैं ?​

Answers

Answered by shishir303
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1 . कवि किन उदाहरणों द्वारा ईश्वर से भक्त की एकात्मकता को प्रमाणित किया है ?

✎... कवि ने ईश्वर से भक्त की एकात्मता को प्रमाणित करने के लिए अनेक उदाहरण दिए हैं। कवि ने भक्त के रूप में स्वयं को रखकर स्वयं को पानी माना है और ईश्वर को चंदन मानकर अपनी भक्ति की एकात्मता सिद्ध की है। इसके अलावा कवि ने स्वयं को चकोर और ईश्वर को चाँद माना है। उन्होंने स्वयं को बाती, ईश्वर को दीपक, स्वयं को धागा तथा ईश्वर को मोती माना है। कवि ने स्वयं को सुहागा और ईश्वर को सोना मानकर भक्ति की एकात्मकता प्रकट की है। कवि ने स्वयं को स्वयं को मोर ईश्वर का बादल माना है। इन उदाहरणों द्वारा कवि का कहने का भाव यह है कि ईश्वर के बिना भक्त का कोई अस्तित्व नहीं और ईश्वर की भक्ति मिल जाने पर भक्त का महत्व  बढ़ा जाता है।

2 . रैदास की भक्ति किस प्रकार की है ? इसे आप किस प्रकार सिद्ध कर सकते हैं ?​

✎... कवि की भक्ति ईश्वर के प्रति समर्पण भाव वाली है। वह ईश्वर में स्वयं को विलीन करना भक्ति की पराकाष्ठा मानते हैं। वह अनेक ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए अनेक प्रतीकों का सहारा लेते हैं और एक प्रतीक स्वयं के लिए तथा दूसरे प्रतीक ईश्वर के लिए मानकर कर यह सिद्ध करने की कोशिश करते हैं कि ईश्वर के बिना उनका कोई अस्तित्व नहीं।

जैसे वह चंदन और पानी का उदाहरण देकर कहते हैं कि ईश्वर चंदन के समान है और वे पानी हैं। जिस तरह पानी में जब चंदन मिल जाता है तो वह पानी सुगंधित हो जाता है। पानी का महत्व कई गुना बढ़ जाता है, उसी तरह भक्त और ईश्वर का जब मिलन होता है और भक्त के अंदर ईश्वर समाहित हो जाता है तो भक्त की महत्ता असीमित हो जाती है। उसी प्रकार वह दीपक-बाती, मोती-धागा, सोना-सुहागा जैसे अन्य कई उदाहरण देकर स्वयं को और ईश्वर को एक ही स्वरूप मानते हैं और दोनों को एक दूसरे का पूरक मानते हैं।

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