अभ्यास-प्रश्न
पाठ-बोध
Chapter name → Rakhi ka mulya
1. श्रावणी पर्व बहन भाइयों के संबंध के महत्त्व को किस रूप में स्मरण कराता है?
2. मेवाड़ की महारानी कर्मवती ने अपने राज्य की रक्षा के लिए अपने सरदारों से क्या चर्चा की?
3. कर्मवती ने अपने सरदारों को राखी का महत्त्व क्या कह कर समझाया?
4. हुमायूँ ने क्या कह कर मेवाड़ की प्रशंसा की?
5. हुमायूँ ने कर्मवती की राखी मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया किस प्रकार प्रकट की?
6. तातारखाँ ने हुमायूँ को क्या कह कर सावधान किया? हुमायूँ ने उसका क्या उत्तर दिया?
7. "राखी का मूल्य" एकांकी से हमें क्या संदेश मिलता है?
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Explanation:
- श्रावण की पूर्णिमा को सब जगह भाई और बहिन के प्रेम का पवित्र प्रेम का उत्सव होता है, जिसे रक्षा-बंधन कहते हैं। बहिन भाई की कलाई पर भाव और प्रेम के प्रतीक के रूप में न केवल राखी बांधती है बल्कि वह अनिष्ट से दूर रहे, यह कामना भी करती है। ... रक्षा के बांधने को ही रक्षा-बंधन कहते हैं। पुराने जमाने में यह कार्य पुरोहित करते थे।
- इस एकांकी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ? को एकांकी के आधार पर कर्णावती और हुमायूँ का चरित्र-चित्रण कीजिए। में जकड़ देते हैं। यह मेरी खुशकिस्मती है कि मेवाड़ की बहादुर रानी ने मुझे अपना भाई बनाया है और बहादुरशाह से मेवाड़ की हिफ़ाज़त करने के लिए मेरी मदद चाही है।
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