about rahimdaas in hindi
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भारतीय हिंदी साहित्य के इतिहास के कवियों में रहीम दास जी का नाम अग्रणी है, आपने भगवान कृष्ण पर आधारित अनेक कविताओं एवं दोहों की रचना की है| आप के दोहे एवं कविताएं हिंदी काव्य संसार को दिया हुआ अनोखा उपहार है, जिसका यह संसार सदैव आपका आभारी एवं कृतज्ञ रहेगा|
Rahim Das Biography in Hindi रहीम दास का जीवन परिचय–
रहीम दास जी का पूरा नाम अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना था| आपका जन्म 17 दिसम्बर सन 1556 में लाहौर में हुआ था, लाहौर प्रांत अब पाकिस्तान में है| आप सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक थे| वे एक ही साथ सेनापति, आश्रयदाता, प्रशासक, दानवीर, बहुभाषाविद, कूटनीतिज्ञ, कलाप्रेमी, कवि एवं विद्वान थे।
रहीम दास जी के पिता का नाम बैरम खान एवं माता का नाम सुल्ताना बेगम था| बैरम खान सम्राट हुमायूँ के सलाहकार एवं बादशाह अकबर के संरक्षक थे| बैरम खानकी हत्या के पश्चात सम्राट अकबर ने ही रहीम दास और उनकी माता का संरक्षण किया और आपकी शिक्षा का उचित प्रबंध भी किया| रहीम दास जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और शीघ्र ही उन्होंने, हिंदी, उर्दू, अरबी, संस्कृत, फारसी, तुर्की आदि कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान अर्जित कर लिया था| रहीम का विवाह लगभग सोलह साल की उम्र में बैरम खाँ के विरोधी मिर्जा अजीज कोका की बहन माहबानों से करवा दिया गया था। आप बहुत ही दयालु और धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति थे| प्रायः आपका समय धार्मिक कार्यों में ही व्यतीत होता था| जन्म से मुसलमान होते हुए भी आपने भगवान कृष्ण की भक्ति की और आपने भगवान श्रीकृष्ण के संदर्भ में कई दोहे एवं कविताओं की रचना भी की है| हिंदी साहित्य के सूर्य गोस्वामी तुलसीदास एवं केशवदास से आपकी मित्रता थी| इन्होंने खुद को “रहिमन” उपनाम से सम्बोधित किया है|
अकबर की मृत्यु के पश्चात उसके पुत्र जहांगीर ने रहीम जी को उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में नजर बंद करवा दिया था| नजर बंद होने के कारण आपके जीवन का अंतिम समय अनेक विपत्तियों एवं कठिनाइयों से भरा रहा और अंततः सन 1627 ईस्वी में रहीम दास जी की मृत्यु हो गई
Rahim Das Biography in Hindi रहीम दास का जीवन परिचय–
रहीम दास जी का पूरा नाम अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना था| आपका जन्म 17 दिसम्बर सन 1556 में लाहौर में हुआ था, लाहौर प्रांत अब पाकिस्तान में है| आप सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक थे| वे एक ही साथ सेनापति, आश्रयदाता, प्रशासक, दानवीर, बहुभाषाविद, कूटनीतिज्ञ, कलाप्रेमी, कवि एवं विद्वान थे।
रहीम दास जी के पिता का नाम बैरम खान एवं माता का नाम सुल्ताना बेगम था| बैरम खान सम्राट हुमायूँ के सलाहकार एवं बादशाह अकबर के संरक्षक थे| बैरम खानकी हत्या के पश्चात सम्राट अकबर ने ही रहीम दास और उनकी माता का संरक्षण किया और आपकी शिक्षा का उचित प्रबंध भी किया| रहीम दास जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और शीघ्र ही उन्होंने, हिंदी, उर्दू, अरबी, संस्कृत, फारसी, तुर्की आदि कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान अर्जित कर लिया था| रहीम का विवाह लगभग सोलह साल की उम्र में बैरम खाँ के विरोधी मिर्जा अजीज कोका की बहन माहबानों से करवा दिया गया था। आप बहुत ही दयालु और धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति थे| प्रायः आपका समय धार्मिक कार्यों में ही व्यतीत होता था| जन्म से मुसलमान होते हुए भी आपने भगवान कृष्ण की भक्ति की और आपने भगवान श्रीकृष्ण के संदर्भ में कई दोहे एवं कविताओं की रचना भी की है| हिंदी साहित्य के सूर्य गोस्वामी तुलसीदास एवं केशवदास से आपकी मित्रता थी| इन्होंने खुद को “रहिमन” उपनाम से सम्बोधित किया है|
अकबर की मृत्यु के पश्चात उसके पुत्र जहांगीर ने रहीम जी को उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में नजर बंद करवा दिया था| नजर बंद होने के कारण आपके जीवन का अंतिम समय अनेक विपत्तियों एवं कठिनाइयों से भरा रहा और अंततः सन 1627 ईस्वी में रहीम दास जी की मृत्यु हो गई
aarvi1:
Thanks for help me
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