about water in hindi
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जल प्रकृति की अमूल्य देन है । जीवित रहने के लिए जल अति आवश्यक है । अन्न के बिना हम कई दिनों तक भूखे रह सकते हैं परंतु जल के बिना जीवित रहना असंभव है । जल प्रत्येक जीव की आवश्यकता है । मनुष्य ही नहीं पेड़-पौधे, पशु-पक्षी भी जल के बिना जीवित नहीं रह पाते । जल के बिना तो पूरी वनस्पति ही समाप्त हो जाएगी । यदि जल न होता तो क्या होता? जल के बिना न फसलें होती, न फल, न सब्जियां, न घास-फूस, कुछ भी न होता । चारों ओर क्या होता? कुछ भी नहीं । कोई भी प्राणी जीवित न रहता ।
धरती अनाज उत्पन्न न करती, पशु सास के बिना दूध न देते, हमें पीने के लिए दूध न मिलता । जल दो प्रकार का होता हैँ – एक खारा एवं दूसरा मीठा । पीने वाला जल मीठा होता है । समुन्द्र का पानी खारा और नमकीन ‘होता है । वह पानी पीने के काम नहीं आता । जो पानी बहता रहता ‘है वह सड़ जाता है उसमें से बदबू आती है । उस पानी में अनेक प्रकार के कीड़े? मकोड़े तथा मच्छरों से ही महामारी फैलती है । हमें भी अपने घरों के आसपास, आगे-पीछे पानी खड़ा नहीं होने देना चाहिए । इससे हमारा आस -पड़ोस साफ रहेगा तथा हम तंदुरुस्त रहेंगे ।
हमें पानी की बचत करनी चाहिए । पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए । पानी का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए । पानी के नल को व्यर्थ में ही चलते नहीं देना चाहिए । गर्मियों में पानी की अधिक आवश्यकता होती है । अपने वाहनों को पानी से न धोकर उसे भीगे हुए वस्त्र से ही साफ करना चाहिए । पानी का प्रयोग लापरवाही से नहीं करना चाहिए । बढ़ती आबादी के कारण पानी का प्रयोग भी अधिक होने लगा है । मकान बनाने के लिए, पीने के लिए. स्नान के लिए. कपड़े. बर्तन धोने के लिए पानी को आवश्यकता होती है इसलिए हमें पानी की बचत करनी चाहिए ।
बरसात के दिनों में पानी उबाल कर पीना चाहिए । पानी को उबालकर पीने से उसमें विद्यमान कीटाणु मर जाते हैं । इस प्रकार पेट की बीमारियों से बचा जा सकता है । धरती पर पानी की कमी. है । धरती दिन-प्रतिदिन गर्म हो रही है । ग्लेशियर पिघल रहै हैं जिस कारण नदियों में पानी की कमी होती जा रही है जैसे गंगोतरी ग्लेशियर से गंगा निकलती है । वह तेज धूप तथा गर्मी के कारण पिघल रहा है । वह दिन दूर नहीं जब गंगा नदी सूख जाएगी । उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव की बर्फ पिघल रही है । इस कारण समुद्र का पानी बढ़ जाएगा तथा उसके आसपास बसे नगर समुद्र में आलोप हो जाएंगे । जल के अनेक लाभ हैं ।
जल केवल हमारी प्यास ही नहीं बुझाते बल्कि इससे बिजली भी पैदा की जाती है । नदियों पर बड़े-बड़े बांध बनाकर पानी को रोका जा रहा है जिससे बिजली पैदा की जाती है । उस पानी को नहरों द्वारा खेती के लिए प्रयोग किया जाता है । बांध के पीछे रोके हुए पानी को झीलों के रूप में बदला जा रहा है जिसमें मछली पालन किया जाता है । यदि हम आज जल सेवन करेंगे तभी हमारा भविष्य सुरक्षित हो पाएगा । वर्तमान मैं पानी की बचत करके हम अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं । हमें देश की खुशहाली के लिए पानी की एक-एक बूंद को बचाना होगा तभी हमारा भविष्य भी सुरक्षित हो पाएगा ।
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हमारे जीवन में जल का बहुत महत्व है। जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के बिना मनुष्य के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। पृथ्वी पर जल पाया जाता है इसलिए इसे अनोखा ग्रह कहते हैं। जल के कारण ही आज मनुष्य जाति पृथ्वी पर विकसित हो सकी है। मनुष्य पशुओ पेड़-पौधों सभी के लिए जल आवश्यक होता है।
यदि पृथ्वी से जल समाप्त हो जाए तो कोई भी जीव जंतु जीवित नहीं रह पाएगा क्योंकि सभी जीव जंतु जल का उपयोग करते हैं। यह चिंता का विषय है कि मनुष्य ने अपनी व्यवसायिक गतिविधियों के द्वारा पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल को संकट में डाल दिया है।
पृथ्वी के 78% भाग पर महासागर पाए जाते हैं जिनमें नमकीन जल मिलता है परंतु यह पीने के योग्य नहीं होता है। पीने योग्य जल को मीठा जल या मीठा पानी कहते हैं। पृथ्वी पर मौजूद कुल जल में से 2।7 प्रतिशत जल ही पीने योग्य है।
मानव जीवन के लिए जल का महत्व Importance of water in human life
मनुष्य के लिए जल बहुत महत्वपूर्ण है। बिना भोजन किए मनुष्य 7 दिनों तक जीवित रह सकता है पर बिना जल पिए वह 3 दिन में ही मर जाएगा। हम सभी लोगों को प्यास लगती हैं और प्यास बुझाने के लिए जल का प्रयोग करते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए एक व्यक्ति को प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए। प्यास लगने पर जब पानी नहीं मिलता है तो बड़ी बेचैनी अनुभव होती है। इससे ही जल का महत्व पता चलता है।
मनुष्य के लिए जल ही जीवन है। हमें जल का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि पृथ्वी से जल तेजी से विलुप्त हो रहा है। मनुष्य की व्यवसायिक गतिविधियों ने आज पीने लायक जल को संकट में डाल दिया है। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों द्वारा प्रदूषण फैलाया जा रहा है।
रासायनिक कचरे को नदियों झीलों तालाबों में बहाया जा रहा है जिससे जल दूषित हो रहा है। हमें इसे रोकने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे।
स्वस्थ रहने के लिए जल का महत्व Importance of water to stay fit
मनुष्य के शरीर में 65 से 80% तक जल पाया जाता है। रक्त में 7% जल होता है। स्वस्थ रहने के लिए हमें साफ और शुद्ध जल का सेवन करना चाहिए। दूषित जल पीने से पीलिया, गैस, संक्रामक रोग, चेचक, पेचिश, दस्त जैसी बीमारियां हो जाती हैं। दस्त के रोग में शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए ओआरएस (ORS) का घोल रोगी को दिया जाता है।
जल को साफ करने के लिए उसमें ब्लीचिंग पाउडर, फिटकरी डाली जाती है। यदि जल दूषित हो तो उसे उबालना चाहिए, जिससे उसके सभी बैक्टीरिया मर जायें। जल को साफ कपड़े से छानकर पीना चाहिए।
पेड़ पौधों के लिए जल का महत्व Importance of water for plants
मनुष्य की तरह पेड़ पौधों को भी जल की आवश्यकता होती है। पौधे अपनी जड़ों से जल ग्रहण करते हैं और सभी शाखाओं पत्तियों तक जल पहुंचा देते हैं। पेड़ पौधों के तने में जल एकत्रित होता है। बिना पानी के कोई भी पेड़ पौधा विकसित नहीं होता है। पानी ना मिलने पर सभी पेड़ पौधे मुरझा जाते हैं और शीघ्र ही सूख जाते हैं।
हम जितनी प्रकार की सब्जियां फल खाते हैं वह सभी पेड़ पौधों से प्राप्त होते हैं। मनुष्य के जीवित रहने के लिए पेड़ पौधों का जीवित रहना बहुत आवश्यक है। बिना पानी के सभी पेड़ पौधे सूख जाएंगे और कोई फसल नहीं होगी।
गेहूं मक्का चावल जैसी मूलभूत अनाज की खेती जल के द्वारा ही संभव हो पाती है। यदि पृथ्वी से जल ही गायब हो जाए तो कोई भी फसल नहीं हो पाएगी और मनुष्य भूख से मर जाएगा।
पशु पक्षी और अन्य जीवो के लिए जल का महत्व Importance of water for animals and birds
मनुष्य की तरह पशु पक्षियों और अन्य जीवो को भी प्यास लगती है। गाय भैंस बकरी भेड़ शेर भालू, पक्षी और दूसरे जीव भी पानी पीते हैं। यह एक ऐसी चीज है जिसके बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता है। कुछ ही ऐसे दुर्लभ जीव हैं जो ना के बराबर पानी का सेवन करते हैं पर अधिकतर पशु पक्षी और जीव जंतु पानी का इस्तेमाल करते हैं।
रेगिस्तान में पाए जाने वाले रूट को “रेगिस्तान का जहाज” कहते हैं क्योंकि वह एक ही बार में 50 लीटर तक पानी पीकर अपने शरीर में संचित कर लेता है और कई दिनों तक बिना पानी के जीवित रह सकता है।
जल संरक्षण के उपाय How to conserve water?
जल एक कीमती संसाधन है। इसे व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। सभी टंकियों को ठीक कराना चाहिए जिनसे लगातार पानी गिरता रहता है। नहाते समय बहुत अधिक पानी नष्ट नहीं करना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार पानी इस्तेमाल करना चाहिए।
वर्षा के पानी को हार्वेस्ट करना चाहिए और उसे किसी टैंक या तालाब में एकत्रित करना चाहिए। वाहनों गाड़ियों और घर की सफाई करते समय जल बहुत अधिक नष्ट नहीं करना चाहिए। दूषित पानी को नदियों तालाबों जिलों में नहीं छोड़ना चाहिए। इससे जल दूषित होता है और उसके अंदर के मछलियां और दूसरे जीव जंतु मर जाते हैं।