Hindi, asked by giridevika37, 9 months ago

अच्छा पूर्ति की भावना मानव को -bna deti h​

Answers

Answered by jashanveerkaur
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Answer:

yes !!!!

Explanation:

plzz follow me

Answered by gurmukhsingh1192
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जिस प्राणी के पास बुद्धि है उसके पास सभी तरह का बल भी है। वह कठिन परिस्थितियों का मुकाबला सहजता से करते हुए उस पर विजय पा लेता है। बुद्धिहीन का बल भी निर्रथक है क्योंकि वह उसका उपयोग ही नहीं कर पाता। बुद्धि के बल पर ही छोटे से जीव खरगोश ने महाबली सिंह को कुएं में गिराकर मार डाला। यह उसकी बुद्धि के बल पर ही संभव हो सका। यह एक सच्चाई है कि किसी भी ढंग से समझाने पर भी कोई दुष्ट सज्जन नहीं बन जाता। जैसे घी-दूध से सींचा गया नीम का वृक्ष मीठा नहीं हो जाता इसलिए बुद्धिमता से ही जीवन के हर मोड़ पर विजय पाई जा सकती है। बुद्धिमता और भावनात्मक दोनों ही एक सिक्के के अलग-अलग पहलू हैं। इसलिए यह आत्म अवलोकन करना भी जरूरी है कि हम जीवन के किसी प्रकार के भी निर्णय लेने के लिए भावनाओं से अधिक बुद्धिमता से काम लें। भावनाओं में बहकर लिए गए निर्णय कभी भी साकार नहीं होते हैं। भावनाओं से अधिक कर्तव्य ऊंचा है। कर्तव्य पालन के लिए हमें भावनाओं को अपने वश में रखना होगा ताकि कभी भी भावनाएं हमारे पर हावी न हों और हम दायित्वों की पूर्ति ईमानदारी से कर सकें। यह जरूरी है कि हम हर काम करने से पहले यह आत्म अवलोकन करें कि इस कार्य में भावना और कर्तव्य का संतुलन कितना है। बस यही एक मार्ग है जो हमें उन्नति की राह पर ले जा सकता है।

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