Hindi, asked by sejaldubey2008, 5 months ago

अचानक बोला मोर जैसे किसी ने आवाज दी सुनते हो चिलम अवधि धुआं उठा सूरज डूबा अंधेरा छा गया
इसका भावार्थ के साथ प्रसंग बताइए​

Answers

Answered by deerajsinghya3566
12

Answer:

HELLO DEAR THIS YOUR ANSWER( ˘ ³˘)♥

Explanation:

आकाश का साफ़ा बाँधकर

सूरज की चिलम खींचता

बैठा है पहाड़,

घुटनों पर पड़ी है नही चादर-सी,

पास ही दहक रही है

पलाश के जंगल की अँगीठी

अंधकार दूर पूर्व में

सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्‍ले-सा।

अचानक- बोला मोर।

जैसे किसी ने आवाज़ दी-

‘सुनते हो’।

चिलम औंधी

धुआँ उठा-

सूरज डूबा

अंधेरा छा गया

I HOPE IT WILL HELPS YOU

⏭️⏏️(♥ω♥*)^ω^( ˘ ³˘)♥

Answered by bhatiamona
6

अचानक बोला मोर जैसे किसी ने आवाज दी सुनते हो चिलम अवधि धुआं उठा सूरज डूबा अंधेरा छा गया

प्रसंग: यह पंक्तियाँ शाम एक किसान कविता से ली गई है| यह कविता कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना  द्वारा लिखी गई है| कविता में कवि ने शाम के समय में प्राकृतिक दृश्य का वर्णन किया है|

भावार्थ:  शाम के समय पेड़ों पर खिले लाल फूल अंगारों की तरह दिखाई देते है|   पूर्व दिशा में गहराता अंधेरा भेड़ों के झुंड जैसा लगता है। अचानक मोर के बोलने से सब बदल जाता है और शाम ढल जाती है। सूरज डूबने लगता है और अंधेरा छा जाता है|

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