Adarsh Shikshak essay class 8
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मनुष्य को गुणवान बनाने के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि बिना पढ़ा मनुष्य पशु के सामान होता है। मनुष्य के कार्य और व्यवहार में सुन्दरता और शिष्टता शिक्षा के द्वारा ही आती है। शिक्षा जगत में शिक्षक का एक गौरवपूर्ण स्थान है। बच्चों की शिक्षा का पूर्ण दायित्व शिक्षक पर ही निर्भर करता है। समाज और देश के निर्माण में शिक्षक का महान योगदान होता है। यदि शिक्षक चाहे तो देश को रसातल में पहुंचा दे और चाहे तो देश को स्वर्ग बना दे। एक शिक्षक ही देश के लिए योग्य नागरिक का निर्माण करके देश के भविष्य को बनाता है। अतः शिक्षक को समाज में गौरवपूर्ण और सम्मानपूर्ण स्थान मिलना चाहिए।
अध्यापक का महत्व : अध्यापक का महत्व सर्वविदित है। राष्ट्र का सच्चा और वास्तविक निर्माता अध्यापक ही है क्योंकि वह अपने विद्यार्थियों को शिक्षित और विद्वान् बनाकर ज्ञान की एक ऐसी अखंड ज्योति जला देता है जो देश और समाज के अन्धकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाती है।
प्रत्येक देश के विद्यार्थी उस देश के भावी निर्माता होते हैं। उनका नैतिक, मानसिक और सामाजिक विकास अध्यापक पर ही निर्भर करता है। अध्यापक उस कुम्हार के सामान होता है जो शिष्य रुपी घड़े को अपने प्रयत्नों द्वारा सुन्दर और सुडौल रूप प्रदान करता है।
मेरे प्रिय अध्यापक : हमारे विद्यालय में अंग्रेजी के अध्यापक श्री सुभाष दुबे जी मेरे प्रिय अध्यापक हैं। वे एक आदर्श अध्यापक हैं। वे सादा जीवन और उच्च विचार के समर्थक हैं। उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए. के उपाधि प्राप्त की है। वे सदैव साडी वेश भूषा धारण करते हैं। वे स्वभाव से मधुर किन्तु अनुशासन प्रिय व्यक्ति हैं। वे पठन-पाठन में विशेष रूचि रखते हैं। हमारे विद्यालय के प्रत्येक सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन वही करते हैं। उनके इन्ही गुणों के कारण वे सबके प्रिय हैं।
उनकी लोकप्रियता का कारण : मेरे आदर्श अध्यापक श्री सुभाष दुबे जी अपने क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय हैं। वह हमारे विद्यालय की शान हैं। वह पिछले 25 वर्षों से अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। विद्यालय में उनकी लोकप्रियता का पहला कारण तो यह है की वे सरल स्वभाव के एवं हँसमुख व्यक्ति हैं। दूसरा यह की उनमें अध्यापन में बड़े ही कुशल हैं। वे अपना विषय इस प्रकार पढ़ाते हैं की सभी छात्रों को भली-भाँती समझ में आ जाता है। इसी कारण उनका परीक्षाफल सदैव शत-प्रतिशत रहता है।
उनकी लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि उनमें सचरित्रता, सस्पष्टवादिता, नम्रता, संयम पालन, अनुशासन प्रियता तथा सदाचारिता जैसे गुण भी सम्मिलित हैं। वे कभी किसी छात्र को मारते-पीटते नहीं अपितु सभी को पुत्रवत समझते हैं।
उपसंहार : हम सभी को अपने आदर्श अध्यापक के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। अध्यापक के आदर और सम्मान की स्थापना से ही समाज और देश की उन्नति संभव है क्योंकि अध्यापक ही वास्तविक रूप में राष्ट्र निर्माता होता है। अतः समाज और शासन को इस ओर अविलम्ब ध्यान देकर देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
अध्यापक का महत्व : अध्यापक का महत्व सर्वविदित है। राष्ट्र का सच्चा और वास्तविक निर्माता अध्यापक ही है क्योंकि वह अपने विद्यार्थियों को शिक्षित और विद्वान् बनाकर ज्ञान की एक ऐसी अखंड ज्योति जला देता है जो देश और समाज के अन्धकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाती है।
प्रत्येक देश के विद्यार्थी उस देश के भावी निर्माता होते हैं। उनका नैतिक, मानसिक और सामाजिक विकास अध्यापक पर ही निर्भर करता है। अध्यापक उस कुम्हार के सामान होता है जो शिष्य रुपी घड़े को अपने प्रयत्नों द्वारा सुन्दर और सुडौल रूप प्रदान करता है।
मेरे प्रिय अध्यापक : हमारे विद्यालय में अंग्रेजी के अध्यापक श्री सुभाष दुबे जी मेरे प्रिय अध्यापक हैं। वे एक आदर्श अध्यापक हैं। वे सादा जीवन और उच्च विचार के समर्थक हैं। उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए. के उपाधि प्राप्त की है। वे सदैव साडी वेश भूषा धारण करते हैं। वे स्वभाव से मधुर किन्तु अनुशासन प्रिय व्यक्ति हैं। वे पठन-पाठन में विशेष रूचि रखते हैं। हमारे विद्यालय के प्रत्येक सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन वही करते हैं। उनके इन्ही गुणों के कारण वे सबके प्रिय हैं।
उनकी लोकप्रियता का कारण : मेरे आदर्श अध्यापक श्री सुभाष दुबे जी अपने क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय हैं। वह हमारे विद्यालय की शान हैं। वह पिछले 25 वर्षों से अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। विद्यालय में उनकी लोकप्रियता का पहला कारण तो यह है की वे सरल स्वभाव के एवं हँसमुख व्यक्ति हैं। दूसरा यह की उनमें अध्यापन में बड़े ही कुशल हैं। वे अपना विषय इस प्रकार पढ़ाते हैं की सभी छात्रों को भली-भाँती समझ में आ जाता है। इसी कारण उनका परीक्षाफल सदैव शत-प्रतिशत रहता है।
उनकी लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि उनमें सचरित्रता, सस्पष्टवादिता, नम्रता, संयम पालन, अनुशासन प्रियता तथा सदाचारिता जैसे गुण भी सम्मिलित हैं। वे कभी किसी छात्र को मारते-पीटते नहीं अपितु सभी को पुत्रवत समझते हैं।
उपसंहार : हम सभी को अपने आदर्श अध्यापक के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। अध्यापक के आदर और सम्मान की स्थापना से ही समाज और देश की उन्नति संभव है क्योंकि अध्यापक ही वास्तविक रूप में राष्ट्र निर्माता होता है। अतः समाज और शासन को इस ओर अविलम्ब ध्यान देकर देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
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शिक्षक पर निबंध
एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक ऐसा महत्वपूर्ण इंसान होता है जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देख-भाल से उसके पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है। यहाँ दिये गये प्रत्येक निबंध एक विद्यार्थी के जीवन में एक शिक्षक के महत्व को रेखांकित करता है साथ ही उसकी भूमिका को भी स्पष्ट करेगा। ये निबंध बेहद सरल और अलग-अलग शब्द सीमाओं में दिये गये हैं जिसका उपयोग विद्यार्थी अपनी आवश्यकतानुसार कर सकते हैं।
शिक्षक पर निबंध (टीचर एस्से)
You can get below some essays on Teacher in Hindi language for students in 100, 150, 200, 250, 300, and 400 words.
शिक्षक पर निबंध 1 (100 शब्द)
एक शिक्षक वो व्यक्ति होता है जो अपने विद्यार्थी को सबसे बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराने के द्वारा हरेक के भविष्य को आकार देता है। हर विद्यार्थी की शिक्षा में एक शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। एक शिक्षक के पास बहुत सारे गुण होते हैं और वो अपने विद्यार्थी के जीवन को सफल बनाने में पूरी तरह से दक्ष होता है। एक शिक्षक बहुत समझदार होता है और अच्छे से जानता है कि विद्यार्थी का ध्यान पढ़ाई की ओर कैसे लगाना है।
पढ़ाई के दौरान एक शिक्षक रचनात्मकता का इस्तेमाल करता है जिससे विद्यार्थी एकाग्र हो सके। एक शिक्षक ज्ञान का भण्डार होता है और उसके पास बहुत धैर्य और विश्वास होता है जो विद्यार्थियों के भविष्य की जिम्मेदारी लेता है। शिक्षक हरेक बच्चे की क्षमता का अवलोकन करता है और उसी अनुसार उस बच्चे को पढ़ाई में मदद करता है।
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