Adhunik Jeevan Shaili par nibandh in Hindi with heading
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आज जिस विशय को लेकर आपसे बात कहने जा रहा हु, वो काफ़ि हद तक हमसे ही जुडा हुआ है! अब आप सोच रहे होगे कि आखिर ऐसी कौन सी बात है, जो हुमसे ही जुडी है और अभी तक हमे पता ही नही है! खैर ,चलिये अब बातो का ज्यादा ताना बाना नही बुनता हु और सीधे सीधे बताता हु,कि आज हम बात करेगे हमारे "मन" की "युवा मन" की और उस पर पड रहे आधुनिक जीवन शैली के प्रभावो की!
हम आज के इस परिवेश मै क्या सोचते है,हमारा मन हमे ज्यादा किस और आकर्शित कर्ता है,हमे क्या पसन्द है और क्या नापसन्द, इन्हि सब चीज़ो पर आज हम आप्से बात करेगे और इन सब चीज़ो पर बात करने के लिये, मेरे साथ आप लोग भी जुडेगे! आखिर बात भी तो आप कि और हमरी ही है!
तो चलिये ! थोडा सा आप भी अपने मन के अन्दर झाकिये और मेरे साथ खुद भी सोचिये कि आज हम आधुनिक बनने की होड मे कितना सही है और कितना गलत!
आधुनिक जीवन शैली ने हमे हमारी नैतिक्ता, सन्स्कार आदर सम्मान, अच्चि सोच, नीन्द और भी ना जाने ऐसी ही कितनी बहुमुल्य चीज़ो से हमे दुर करके रखा हुआ है, जिसका हमारी ज़िन्दगी मे शामिल होना बहुत आव्श्यक है!
अब देखिये ना! पैसे कमाने की होड ,हमारे दिखावे और शौक, नाइट क्लब पार्टिया, दोस्तो यारो के साथ घुमना फ़िरना, फ़िल्मे देखना और टीवी चैनलो से उपजि इस आधुनिक जीवन शैली के कारन , युवा मन इन सब चीज़ो की और जाने अन्जाने ही आकर्शित हो चला है!
आज ग्लोबलाइज़ैशन ,इन्ट्र्नेट और तक्निकी मै आ रहे बद्लाव ने समाज के साथ साथ खासकर युवाओ को इस तरह प्रभावित किया है, कि कुछ वर्शो मै ही जीवन शैली मै ज़बर्दस्त बद्लाव आ गया है! जीने का ये अन्दाज़ बिल्कुल नया है,रहन सहन और खानपान की शैली हो या फिर लोगो के कामकाज और सोचने का तरिका, सभी मे बद्लाव आ चुका है!
आज हम फ़ास्ट लाइफ़ जीना चाह्ते है, सबकुछ शार्टकट तरीके से जल्दि हासिल करना चाह्ते है, मेहनत कम करना चाह्ते है, और मेहनत के कम होने के साथ साथ आज हमारा रहन सहन, खाने पीने का स्तर भी कम हो गया है!
कल तक हम जहा घर का खाना खाना पसन्द करते थे, आज उस की जगह होटलो के पिज़्ज़ा बर्गर ने ले ली है!और हमारे सनस्कार की बात करे तो आज पाव छुने की जगह,हल्कि सी कमर भी झुक जाये तो गनिमत है! और इन्हि सब कारणो से युवा अपने मुल्यो, नैतिक्ताओ, सन्स्कार, समाज और परिवार के प्रति लापरवाह होते चले जा रहे है!
अगर हम देखे तो आज युवा मे- जीवन के विकास के ज़रुरी अनुशासन और मुल्यो का स्थान आधुनिक साज़ो सामान ,ब्रान्डेड कपडो और उन्मुक्त जीवन ने ले लीया है! और इन्हि सब कि गिरफ़्त मे आकर "युवा मन" शराब-सिगरेट पीना, मादक दवाये लेना,चुप चाप सेर सपाटा करना,स्कुलो कालेजो से गायब रहना, झुट बोलना, इन्ट्र्नेट पर अश्लिल्ता से सरोबोर होना, ऐसे कपडे पहनना जिन्हे वे घर मे पहनने का साहस नही जुटा सकतॆ जैसी चीज़ो को आधुनिक्ता के नाम पर अपनी शान समझ बैथ्ते है!
और यदि समय रह्ते इसे सुधारा नही गया तो इसके परिणाम काफ़ी गम्भीर हो सकते है और इससे बचने के लिये हमे और खास कर युवाओ को जागरुक, ज़िम्मेदार और क्या वाकई मे सही है और क्या गलत, इसका फ़ैसला करने की छ्मता होना ज़रुरी है!
दोस्तो , आधुनिकता कोई बुरी बात नही है, बुरी बात है, तो बस इस आधुनिकता की आन्धि मे मुल्यो का हास ,नैतिकता का पतन और मर्यदाओ का उल्लन्घन!
वैसे भी आपने ये तो सुना ही होगा कि " चमकने वली हर चीज़ ,सोना नही होती"!
इसिलिये अगर अपने आप को चमकाना ही है तो अपने मन को, अपने विचारो को चमकाये, ना कि इस चमकदार दिखने वाली, दिखवटी आधुनिकता के मुखोटे को!!
Hope it help you
Answer:
आधुनिक जीवनशैली के कई फायदे हैं, जिसमें लोगों के जीवन को आसान बनाना शामिल है, सैकड़ों लोगों को दवा और टीके के नए विकास से बचाते हैं। दूसरी ओर विभिन्न आधुनिक जीवन शैली के पैटर्न का शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक रूप से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जीवन जीने के इन आधुनिक तरीकों में से एक फास्ट फूड का अधिक सेवन है। यह विशिष्ट कारणों के कारण है जैसे कि खाने के लिए कम समय और स्वस्थ भोजन का चयन। फास्ट फूड के साथ शारीरिक गतिविधि के संयोजन की कमी से हृदय के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उच्च प्रौद्योगिकी मशीनों का उपयोग आधुनिकता का एक और तरीका है। हालाँकि इन मशीनों के उपयोग से कई कार्यों को करने में समय बचाने में मदद मिली है, लेकिन इनका गलत उपयोग अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा। एक अन्य बिंदु उन्नत परिवहन है जो यात्रा करने के लिए आवश्यक समय को कम करता है और यात्रा को सुखद समय बनाता है। अंतिम, संचार में कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग, सूचना का हस्तांतरण और मनोरंजन भी है। कुल मिलाकर एक गतिहीन जीवन शैली के तत्वों का गठन होगा। इसका मतलब है, उच्च वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन और शारीरिक गतिविधि की कमी। दोनों उच्च खाद्य मशीनों और परिवहन के आधार पर, फास्ट फूड के कारण होते हैं, और कंप्यूटर के सामने लंबे समय तक बैठे रहते हैं।
आधुनिक जीवन शैली से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। नतीजतन, मधुमेह, हृदय रोगों और कैंसर के लिए अग्रणी। मशीनों और उन्नत परिवहन के कारण प्रदूषण विभिन्न श्वसन रोगों का कारण बनता है। इसके अलावा, यह एटोपिक बीमारियों की ओर जाता है जो एलर्जी और अस्थमा में योगदान देने वाले वंशानुगत रोगों का समूह है। मनोवैज्ञानिक रूप से, व्यक्तियों में तनाव का स्तर और अवसाद बढ़ने की संभावना होती है। कंप्यूटर और इंटरनेट पर लंबा समय बिताने के कारण सामाजिक अलगाव होता है।