adhunik samaj mein ajibo Garib fashion Samanya Hota ja raha hai debate in Hindi vipaksh mein
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यह अक्सर ही कहा जाता है कि आजकल फैशन का दौर है । पहले तो यह सिर्फ युवा पीढ़ी तक ही सीमित था परन्तु आज कोई भी ऐसा आयु वर्ग नहीं है जो इससे प्रभावित ना हुआ हो और होना भी चाहिए।
हमारा भारत देश विकासशील देश है , हम टेक्नोलॉजी में बहुत तरक्की कर चुके हैं , हर चीज़ डिजिटल हो गयी है । ऐसे में हमारी सोच का भी आगे बढ़ना ज़रूरी है । फैशन शब्द को अश्लीलता या अमीरी का दिखावा आदि अर्थों से जोड़ना उचित नहीं है । अगर पहनने की बात करें तो हर कल्चर में अलग तरह का पहरावा होता है , अगर आधुनिकता के साथ पहनने की ज्यादा options मिल रही है तो इसे अनुचित नहीं कहना चाहिए । अश्लीलता लोगों की छोटी सोच में है , २-२ साल की बच्चियों तक के रेप की खबरें आज सुनने को मिलती हैं तो यह नहीं कहा जा सकता कि फैशन सामाजिक बुराइयों को बढ़ावा दे रहा है । यह बिलकुल सही है कि आपका पहरावा ऐसा होना चाहिए जिसमे आप भी comfortable हों और आपकी सोसाइटी भी । नग्नता फैशन नहीं है । फैशन का अर्थ है ज़माने के साथ बाकि चीज़ों की तरह पहरावे को भी advance करना । अगर आप आदिवासियों की तरह पत्ते बांधकर घूमेंगे तो ये फैशन नहीं कहा जाएगा । बाद समय के साथ बदलने की है नज़रिये को बदलने की , सोच अपने आप बदल जाएगी ।