Agar main samaj sudhrak hota essay
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यदि मैं एक समाज सेवक होता
तो मैं समाज की समस्याओं
को दूर करने का प्रयत्न करता। मैं एक
संस्था शुरू करता
जहाँ मेरे जैसे विचार रखने वाले लोग
मिलकर काम करते। सबसे पहले मैं बच्चों
के लिए
सुविधायें उपलब्ध करता। सब बच्चों को
पढ़ने का अवसर प्रदान करता। विद्यालयों
में
बच्चों के दोपहर के खाने का प्रबंध
करवाता।
महिलाओं के लिए उचित सेवायें
उपलब्ध करवाता। ऐसी
नीति बनवाता जिससे
प्रत्येक घर में नारी को
उचित स्थान मिलता। समाज में महिलाओं
और पुरुषों को बराबर
स्थान मिले और किसी का
शोषण न हो, इसके लिए कार्य करता।
समाज में भेद भाव, ऊँच
नीच की
भावनाओं को कम करने के लिए प्रयत्न
करता। सबके लिए रोज़गार उपलब्ध
करवाता। मेरी संस्था बिना
किसी भेद भाव के सब लोगों
के लिए काम करती और
सबके जीवन को
सुखी बनाने का प्रयास
करती।
तो मैं समाज की समस्याओं
को दूर करने का प्रयत्न करता। मैं एक
संस्था शुरू करता
जहाँ मेरे जैसे विचार रखने वाले लोग
मिलकर काम करते। सबसे पहले मैं बच्चों
के लिए
सुविधायें उपलब्ध करता। सब बच्चों को
पढ़ने का अवसर प्रदान करता। विद्यालयों
में
बच्चों के दोपहर के खाने का प्रबंध
करवाता।
महिलाओं के लिए उचित सेवायें
उपलब्ध करवाता। ऐसी
नीति बनवाता जिससे
प्रत्येक घर में नारी को
उचित स्थान मिलता। समाज में महिलाओं
और पुरुषों को बराबर
स्थान मिले और किसी का
शोषण न हो, इसके लिए कार्य करता।
समाज में भेद भाव, ऊँच
नीच की
भावनाओं को कम करने के लिए प्रयत्न
करता। सबके लिए रोज़गार उपलब्ध
करवाता। मेरी संस्था बिना
किसी भेद भाव के सब लोगों
के लिए काम करती और
सबके जीवन को
सुखी बनाने का प्रयास
करती।
tamannadadhich2601:
Can you brief this with 750 words at least
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