अगर मै वीरता का नाम पुरस्कार विजेता होता, तो मैंने अपने देश के लिए क्या किया होता।" Apne shabdon Mein likhiye Kavita bhi likh sakte hain 700 words please help me
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Explanation:
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर हमारे देश के कुछ बहादुर बच्चों को ‘राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाता है। इस साल भी कुछ बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। उन बच्चों की वीरता की कहानी बता रही हैं रिया शर्मा
जो बच्चे होंगे सम्मानित
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 16 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके वीरतापूर्ण कार्य के लिए दिया जाता है। इन पुरस्कारों को पांच श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें भारत पुरस्कार, संजय चोपड़ा पुरस्कार, गीता चोपड़ा पुरस्कार, बापू गायधानी पुरस्कार और सामान्य राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार शामिल हैं।
‘भारत पुरस्कार’ इस बार जम्मू की नौ वर्षीया गुरुगु हिमा प्रिया और 14 वर्षीय सौम्यादीप जना को दिया जाएगा। ‘गीता चोपड़ा पुरस्कार’ दिल्ली की 15 वर्षीय नीतिशा नेगी को मरणोपरांत दिया जाएगा। ‘संजय चोपड़ा पुरस्कार’ गुजरात के सात वर्षीय गोहिल जयराज सिंह को दिया जा रहा है। ‘बापू गायधानी पुरस्कार’ इस बार तीन बच्चों- राजस्थान की नौ वर्षीया अनिका जैमिनी, मेघालय की 13 वर्षीया कैमेलिया कैथी खरबिंगर और ओडिशा के 15 वर्षीय सीतू मलिक को दिया जाएगा। इसके अलावा वीरता पुरस्कार ओडिशा की नौ वर्षीया झीली बाग, कर्नाटक के 15 वर्षीय सीडी कृष्णा नायक, हिमाचल प्रदेश की 17 वर्षीया मुस्कान और 15 वर्षीया सीमा, छत्तीसगढ़ के 13 साल के रितिक साहू और 12 साल के झगेंद्र साहू, लखनऊ के 13 वर्षीय कुंवर दिव्यांश सिंह, मणिपुर के 14 वर्षीय वाहेंगबम लमगांवा सिंह, ओडिशा की 13 वर्षीया रंजीता माझी, दिल्ली के 14 वर्षीय मंदीप कुमार पाठक, ओडिशा के 11 वर्षीय विश्वजीत पुहान, छत्तीसगढ़ के 10 वर्षीय श्रीकांत गंजीर, केरल के 14 वर्षीय शिगिल के. और 10 वर्षीय अश्विन सजीव को दिये जाएंगे।
साहस और प्रतिभा का उम्र से कोई लेना-देना नहीं होता। अब राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार (नेशनल ब्रेवरी अवॉर्ड) से इस साल सम्मानित होने वाले बच्चों को ही देख लो। उमर तो कच्ची है, लेकिन हिम्मत एकदम पक्की है। अपने घर वालों, दोस्तों या दूसरों की जान बचाने के लिए इन्होंने अपनी जान दांव पर लगा दी। कोई आतंकवादियों से भिड़ गया, तो कोई तेंदुए और सांड़ से। कोई आग में कूद गया, तो कोई समंदर में। दिल्ली की नीतिशा नेगी को तो जान भी गंवानी पड़ी। इस साल 21 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया जा रहा है। इनमें 13 लड़के और 8 लड़कियां शामिल हैं। आज हम तुम्हें इन बहादुर बच्चों में से कुछ के कारनामों के बारे में बताते हैं-
अगर मै वीरता का नाम पुरस्कार विजेता होता, तो मैंने अपने देश के लिए क्या किया होता।"
अगर मैं वीरता पुरस्कार का विजेता होता तो मैंने अपने देश के लिए कोई वीरता का कार्य किया होता। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार हर वर्ष 26 जनवरी को उन बहादुर बच्चों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने जीवन में कोई ना कोई बहादुरी का कार्य किया होता है। इस पुरस्कार में बच्चों को एक पदक दिया जाता है उसके साथ-साथ एक प्रमाण पत्र और कुछ नकद राशि भी दी जाती है। जिन बच्चों को यह पुरस्कार मिलता है उन्हें विद्यालय की पढ़ाई पूरी होने तक आर्थिक मदद भी दी जाती है। 26 जनवरी की परेड में यह बच्चे शामिल होते हैं। अगर मुझे वीरता पुरस्कार मिला होता तो मैंने कोई न कोई बहादुरी का कार्य किया होता। वीरता पुरस्कार पांच प्रकार के होते हैं।
भारत पुरस्कार
गीता चोपड़ा पुरस्कार
संजय चोपड़ा पुरस्कार
बापू गायधनी पुरस्कार
सामान्य राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
अगर मुझे वीरता पुरस्कार के नाम पर परमवीर चक्र, महावीर चक्र अथवा वीर चक्र विजेता पुरस्कार मिला होता तो इसका मतलब है कि मेरे सेना में कोई बेहद बहादुरी का कार्य करते हुए देश के सीमा की रक्षा की है और अपने देश के गौरव को बनाया है।
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