Social Sciences, asked by mayasha9834, 5 hours ago

अगर राजस्व कर्मचारी के पास जमीन दर्ज कराने का कानून न हो तो, आम लोगों को किन किन असुविधाओं का सामना करना पढ़ सकता है?​

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Answered by Anonymous
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अब सरकारी जमीन पर कब्जा हुआ तो पटवारी होंगे जिम्मेदार

7 वर्ष पहले

भास्कर न्यूज - पाली

सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ राजस्व विभाग ने अब कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा नियमों की पालना में सख्ती का अभाव होने से अब तक राजस्व को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि सरकारी जमीन पर कोई अतिक्रमण करता है तो उसके खिलाफ महज कागजी कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि अब प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। राजस्व मंडल ने दिए कलेक्टर्स को आदेश राजस्व मंडल राजस्थान अजमेर की निबंधक स्नेहलता पंवार ने सभी कलेक्टर्स को आदेश जारी कर राजकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण के संबंध में की जा रही कार्रवाई के लिए बने नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है। साथ ही अतिक्रमित भूमि पर बोई गई फसल की नीलामी के लिए भी अब प्रशासन को पहले से ही आरक्षित दर तय करनी होगी।

अफसरों की बैठक में करनी

होगी समीक्षा

रेवेन्यू बोर्ड ने भी उक्त कमियों को देखते हुए महालेखाकार ((आर्थिक एवं राजस्व क्षेत्र लेखा परीक्षा)) राजस्थान जयपुर की ऑडिट रिपोर्ट में उल्लेखित कमियों व सुझावों के संदर्भ में नियमों व परिपत्रों के अनुसार प्रक्रिया तथा पालना सुनिश्चित कराने की सलाह दी। राजस्थान लैंड रेवेन्यू एक्ट की धारा-91 के तहत की जा रही कार्रवाई की प्रतिमाह राजस्व अधिकारियों की बैठक में प्रभावी समीक्षा की जाए।

क्या है धारा 91

यदि किसी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया जाता है तो तहसील की ओर से अतिक्रमी के खिलाफ भू- राजस्व अधिनियम की धारा-91 बेदखली की कार्रवाई की जाती है। सरकारी जमीन में बिलानाम भूमि ((सिवायचक)), चरागाह, गैर मुमकिन पहाड़ी ((सरकारी)) और वन क्षेत्र आता है। वनक्षेत्र की भूमि को तहसील के दायरे से बाहर रखा गया है।

तीन महीने की कैद भी हो सकती है

भू-राजस्व अधिनियम की धारा-91 के मुताबिक यदि पटवारी की मौका रिपोर्ट के आधार पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण पाया जाता है तो पहली बार में अतिक्रमी के खिलाफ नियमानुसार बेदखली की कार्रवाई की जाती है। यदि तीसरी बार अतिक्रमण करने की पुष्टि होती है तो अतिक्रमी को तीन माह की साधारण सजा हो सकती है। इस मामले में तहसीलदार और नायब तहसीलदार को धारा 91 के तहत यह अधिकार है।

इनको माना जाएगा अतिक्रमण की श्रेणी में

सरकारी जमीन पर किसी ने फसल की बुवाई कर, बाड़ लगाकर, पत्थर का पाटा लगाकर, कंटीली झाडिय़ां लगाकर या मकान बनाकर कब्जा किया हो तो वह अतिक्रमण की श्रेणी में आता है। राजस्व मंडल राजस्थान अजमेर की निबंधक पंवार के मुताबिक सरकार का सदैव यह प्रयास रहा है कि सरकारी भूमि पर अनधिकृत कब्जों की बढ़ती हुई प्रवृति को कठोरता से रोका जाए। भू राजस्व अधिनियम की धारा-91 में प्रावधान है।

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