Hindi, asked by ameynagesh, 10 months ago

अगर तुम्हारी सामर्थ्य कम थी तो अपनी बराबरी का घर देखते | झोपड़ी में रह कर महल से नाता क्यों जोड़ा |

प्रश्न १ : वक्ता कौन है और उन्होंने श्रोता की सामर्थ्य को कम क्यों आंका?लिखिए |
प्रश्न २ : श्रोता से वक्ता को किस चीज की अपेक्षा थी और वह वस्तु किस कमी को पूरा कर रही थी ?लिखिए |
प्रश्न ३ : झोपड़ी में रह कर महल से नाता क्यों जोड़ने का क्या तात्पर्य है ?स्पष्ट करके लिखिए |
प्रश्न ४ : एकांकी में समाज की किस समस्या का वर्णन किया गया है , यह समस्या युवकों द्वारा कैसे हल की जा सकती है ?स्पष्ट करके लिखिए |

Answers

Answered by shishir303
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अगर तुम्हारी सामर्थ्य कम थी तो अपनी बराबरी का घर देखते | झोपड़ी में रह कर महल से नाता क्यों जोड़ा |

प्रश्न १ : वक्ता कौन है और उन्होंने श्रोता की सामर्थ्य को कम क्यों आंका?लिखिए|

उत्तर ► यहाँ पर वक्ता एकांकी का मुख्य पात्र ‘जीवनलाल’ है, और श्रोता ‘प्रमोद’ है, जो जीवनलाल की बहु की भाई है। उन्होंने श्रोता की सामर्थ्य को कम इसलिये आंका क्योंकि श्रोता यानि प्रमोद ने उनको उनकी अपेक्षा के अनुसार दहेज नही दिया।

प्रश्न २ : श्रोता से वक्ता को किस चीज की अपेक्षा थी और वह वस्तु किस कमी को पूरा कर रही थी ?लिखिए |

उत्तर ►श्रोता प्रमोद से वक्ता जीवनलाल को दहेज की उम्मीद थी। जीवनलाल को यह शिकायत थी कि उन्हे प्रमोद द्वारा पर्याप्त दहेज तो मिला ही नहीं, उसके अलावा शादी में बारात की अच्छी खातिरदारी भी नहीं हुई। इस कारण उनके मन पर गहरा घाव हो गया है, यानि उनके रिश्तेदारों में उनकी बेइज्जती हुई है। इसलिए वब प्रमोद से अपने घाव के लिए मरहम की उम्मीद करता है अर्थात वक्ता जीवन लाल प्रमोद से दहेज के रूप में पर्याप्त धन की उम्मीद करता है।

प्रश्न ३ : झोपड़ी में रह कर महल से नाता क्यों जोड़ने का क्या तात्पर्य है ?स्पष्ट करके लिखिए |

उत्तर ►झोपड़ी में रहकर महल से नाता जोड़ने का तात्पर्य यह है कि वक्ता जीवनलाल कहना चाहता है कि प्रमोद की हैसियत उनकी हैसियत के बराबर नहीं थी। वक्ता जीवन लाल का तात्पर्य है कि प्रमोद की आर्थिक स्थिति हैसियत उनकी आर्थिक हैसियत के बराबर नहीं थी। फिर भी उसने अपनी बहन का विवाह उसके परिवार में क्यों किया? यानि प्रमोद को अपने बराबर की हैसियत वाले परिवार में ही अपनी बहन का विवाह करना चाहिये था।

प्रश्न ४ : एकांकी में समाज की किस समस्या का वर्णन किया गया है , यह समस्या युवकों द्वारा कैसे हल की जा सकती है ?स्पष्ट करके लिखिए |

उत्तर ► ‘बहू की विदा’ नामक इस एकांकी में समाज की दहेज नामक समस्या का वर्णन किया गया है। दहेज हमारे समाज के लिए एक विकराल समस्या बनता जा रहा है, जिस कारण अनेक नवविवाहिता लड़कियों को उनके ससुराल वालों द्वारा सताया जाता है। यह समस्या युवकों द्वारा बड़ी आसानी से हल की जा सकती है। युवक अगर यह निश्चय कर लें कि वह बिना दहेज के शादी करेंगे और अपने माता-पिता को भी सख्त शब्दों में यही कह दें, तो उनके माता-पिता भी दहेज मांगने का साहस नहीं करेंगे। इसलिए सभी युवकों को आगे आना होगा। आज के वर्तमान समय में युवकों को इस पिछड़ेपन से मुक्ति पाकर नई सोच को अपनाना ही होगा और दहेज प्रथा का विरोध करना ही होगा तभी इस समस्या को हल किया जा सकता है।

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