अहमदनगर के किले की कौन सी कहानी नेहरु जी ने बताई है?
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नेहरूजी जिस दिन यहाँ आए उस दिन शुक्ल पक्ष का 'दूज का चाँद' आकाश में था। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि जब भी दूज का चाँद आकाश में दिखाई देता है तो उसे एक महीना पूरा होने की सूचना देता है। चाँद उन्हें यह याद दिलाता रहा कि अंधेरे के बाद उजाला भी अवश्य आता है अर्थात् कठिनाइयों के बाद सुख के दिन भी अवश्य आएँगे।
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