ऐ मेरे वतन के लोगो , तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सबका , लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर , वीरों ने प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो , जो लौट के घर न आए
जो शहीद हुए हैं उनकी , ज़रा याद करो कुर्बानी
जब देश में थी दीवाली , वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में , वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने , थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी , ज़रा याद करो कुर्बानी
1- कवि देशवासियों को किन्हें न भूलने की बात कह रहा है ? और क्यों ?
2- जब देश में थी दीवाली,वो खेल रहे थे होली जब हम बैठे थे घरों में , वो
झेल रहे थे गोली- प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
3- (क) पद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए ।
(ख) वतन – समानार्थी शब्द लिखिए ।
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1-कवि देशवासियों से जवानों की कुर्बानियों को ना भूलने को कहा है।
2-कवि का कहना है कि जब हम खुशी मना रहे थे तब वे हमारे देश के सुरक्षा के लिए लर रहे थे।
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