ऐ सखि साजन कविता का भावार्थ पुरा
Answers
Answered by
0
Answer:
भावार्थ : पहली सखि दूसरी सखि से कहती है कि वह रंग-रंगीला,गुणों से भरा बहुत ही सुंदर और चमकीला है। राम-नाम का भजन गाए बिना वह कभी सोता नहीं है। इस पर दूसरी सखि पूछती है कि वह तुम्हारा साजन है। इस पर पहली सखि उत्तर देती है कि नहीं वह साजन नहीं वह तो तोता है।
Similar questions