Hindi, asked by adityaviki02p9oi9t, 1 year ago

'ऐकै अषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होई' −इस पंक्ति द्वारा कवि क्या कहना चाहता है?

Answers

Answered by shishir303
21

'ऐकै अषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होई' इस पंक्ति द्वारा कवि ये कहना चाहता है, जिसने प्रेम का एक अक्षर पढ़ लिया, वो ईश्वर को समझ जाएगा। ईश्वर को पाने के लिए केवल प्रेम का एक अक्षर पढ़ना ही जरूरी है। बड़े-बड़े पोथी, ग्रंथ आदि पढ़कर पढ़कर कोई ज्ञानी नहीं बन जाता।

ज्ञानी बनने के लिए ईश्वर को जानना आवश्यक है। ईश्वर को जानने के लिए प्रेम करना आवश्यक है, जिसने प्रेम की भाषा समझ ली, वही सच्चा ज्ञानी है। इसलिए जो अपने मन में प्रेम धारण कर लेता है वह उस निराकार परमात्मा का स्मरण करना लगता है और सच्चा ज्ञानी बन जाता है।

Answered by parijainii
8

इस पंक्ति में कवि यह कहना चाहते हैं कि जिस व्यक्ति ने ईश्वर का एक अक्षर भी पढ़ लिया है, वही वास्तविक ज्ञानी है। ईश्वर ही एकमात्र सत्य है और उसे जानेवाला ही सच्चे अर्थों में ज्ञानी है।

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