Chemistry, asked by remyatintu7335, 1 year ago

ऐमीनो अम्लों की उभयधर्मी प्रकृति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

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Answered by thakur303155
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Answer:

अमीनो अम्ल, वे अणु हैं जिनमें अमाइन तथा कार्बोक्सिल दोनों ही ग्रुप पाएं जाते हैं। इनका साधारण सुत्र H2NCHROOH है। इसमें R एक पार्श्व कड़ी है। जो परिवर्तनशील विभिन्न अणुओं का ग्रूप होता है। कार्बोक्सिल (-COOH) तथा अमाइन (-NH2) ग्रूप कार्बन परमाणु से लगा रहता है। अमीनो अम्ल प्रोभूजिन के गठनकर्ता अणु हैं। बहुत सारे अमीनो अम्ल पेप्टाइड बंधन द्वारा युक्त होकर प्रोभूजिन बनाते हैं। प्रोभूजिन बनाने में 20 अमीनो अम्ल भाग लेते हैं।

यह प्रोभूजिन निर्माण के कर्णधार होते हैं। प्रकृति में लगभग बीस अमीनों अम्लों का अस्तित्व है। प्रोभूजिन अणुओं में सैंकड़ों या हजारों अमीनो अम्ल एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। प्रत्येक प्रोभूजिन में प्रायः सभी अमीनो अम्ल एक विशेष अनुक्रम से जुड़े रहते हैं। विभिन्न अमीनो अम्लों का यही अनुक्रम प्रत्येक प्रोभूजिन को उसकी विशेषताएं प्रदान करता है। अमीनो अम्लों का यही विशिष्ट अनुक्रम डी एन ए के न्यूक्लोटाइडस के क्रम से निर्धारित होता है।

Answered by dackpower
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ऐमीनो अम्लों की उभयधर्मी प्रकृति का संक्षिप्त वर्णन

Explanation:

जलीय घोल में, अमीनो एसिड का कार्बोक्सिल समूह एक प्रोटॉन खो सकता है और अमीनो समूह एक प्रोटॉन को द्विध्रुवीय आयन के रूप में स्वीकार कर सकता है, जिसे ज़्विटर आयन कहा जाता है।

इसलिए, ज़्विटर आयनिक रूप में, एमिनो एसिड एसिड के रूप में और आधार के रूप में कार्य कर सकता है।

इस प्रकार, अमीनो एसिड एम्फ़ोटेरिक व्यवहार को दर्शाता है।

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अमीनो एसिड के बीच अंतर पाए जात

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