मेथिल ऐमीन अमोनिया से अधिक क्षारकीय है। समझाइए क्यों?
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ऐमिन (तिक्ती) अमोनिया के यौगिक हैं। अमोनिया के १, २ या ३ हाइड्रोजन परमाणुओं के ऐल्किल या ऐरिल मूलक द्वारा प्रतिस्थापन से क्रमश: प्राथमिक RNH2, द्वितीयक PR´ NH या त्रितीयक R R´ R´´N वर्ग के तिक्ती बनते हैं।
चतु: ऐरिल मूलकवाला यौगिक अज्ञात है। चतु: तिक्ती में R4N- धनायन है, किंतु ऋणायन Cl-HSO4, या OH- हो सकते हैं। मूलकों के आधार पर इनके रासायनिक तथा भौतिक गुण भी भिन्न होते हैं। चतुर्थक के गुण ऐमोनियम यौगिक के समान होते हैं। सौरभिक द्वि-तिक्ती (ऑर्थो, मेटा तथा पैरा फ़ेनिलीन डाइ तिक्ती) के गुण प्राथमिक की भाँति हैं। कुछ तिक्ती, जैसे ब्यूटिल तथा आइसो ब्यूटिल तिक्ती, समावयवता प्रदर्शित करते हैं।
तिक्ती प्रकृति में अधिक नहीं पाए जाते, किंतु कुछ, जैसे मेथिल तिक्ती पौधों, जंतुओं के रक्त, सांद्र नमक के विलयन में रखी हेरिंग मछली, हड्डी के तेल तथा डामर में प्राप्य हैं।
उदाहरण के लिये ट्राई मेथिल एमिन तृतीयक एमीन है जिसका अणुसूत्र N(CH3)3 है।
ट्राई मेथिल एमिन
नामकरण