Hindi, asked by mandalnilima29, 5 months ago

ऐसे राइटिंग ऑन भ्रष्टाचार​

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Answered by deepa0403
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भ्रष्टाचार पर निबंध

भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। ऐसा कार्य जो अपने स्वार्थ सिद्धि की कामना के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को ताक पर रख कर किया जाता है, भ्रष्टाचार कहलाता है। भ्रष्टाचार भारत समेत अन्य विकासशील देश में तेजी से फैलता जा रहा है। भ्रष्टाचार के लिए ज्यादातर हम देश के राजनेताओं को ज़िम्मेदार मानते हैं पर सच यह है कि देश का आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के विभिन्न स्वरूप में भागीदार हैं। वर्तमान में कोई भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है।

आजकल लोगो को यह महसूस होता है, कि अगर वह सही रास्ता अपनाएंगे , तो उनका काम होने में सालों लग जाएंगे। आजकल की व्यस्त जिन्दगी में सबको जल्दी सफलता चाहिए और उसे पाने के लिए लोग रिश्वतखोरी या किसी को झूठे आरापों में फंसाना जैसे कार्य करते है। बड़े-बड़े व्यापारी अनाज को आपातकालीन स्थिति में जमा कर लेते है। फिर उसे बाजार में दो गुने और तिगुने दामों में बेचते है। इससे साधारण लोगो को तकलीफो का सामना करना पड़ता है।

भ्रष्टाचार एक संक्रामक बीमारी की तरह है जो अपनी जड़े मज़बूत कर रहा है। दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार से संबंधित घटनाएं बढ़ रहे है।  ज़्यादातर लोग बेईमानी और चोरी का रास्ता अपना रहे है। कोर्ट में झूठे गवाह पेश करके अपराधी छूट जाता है। लोग अपने प्रतिद्वंदी से बदला लेने के लिए झूठा मुकदमा करते है। लोग आजकल पैसे लेकर गलत मूलयांकन कार्ड छात्रों को पास करने के लिए बनाते है। लोगो को ब्लैकमेल करके और अवैध मांग करके उनसे जबरन अनैतिक काम करवाए जाते है।

हमारी देश की राजनितिक प्रणाली भ्रष्टाचार में लिप्त है। ज़्यादातर राजनितिक अशिक्षित है। जाहिर है अगर देश और राज्य की बागडोर अशिक्षित लोगो के हाथों में आयी, तो देश की उन्नति एक सपना मात्रा रह जाएगा। ऐसे भ्रष्ट राजनीतिज्ञ पैसा देकर लोगो से वोट करवाते है। लोगो को झूठे वादे करके अपने पक्ष में वोट डलवाते है। जैसे ही वह चुनाव जीत जाते है, भ्रष्ट राजनेता अपना असली रंग दिखा देते है।

हमारे देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के कई कारण है। कभी कभी पैसे के अभाव में लोग भ्रष्टाचार के पथ पर चलने के लिए विवश हो जाते है। लोग ईर्ष्या और जलन में अंधे होकर भ्रष्टाचार की नीति को अपनाते है। सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे। भारत का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जो भ्रष्टाचार से प्रभावित ना हो। भ्रष्टाचार हमारे देश में आम बात है। भ्रष्टाचार समाज में एक घाव की तरह है, जो प्रत्येक क्षेत्र में अपना अनैतिक जहर भर रहा है। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी आम जनता के किसी भी कार्य को करने के लिए रिश्वत मांगते है, यह सरासर गलत है।

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