ऐसी वाणी बोलिए जमकर झगड़ा होए ऐसी वाणी बोलिए जमकर झगड़ा होए पर उससे ना बोलिए जो आपसे तगड़ा होए
@ tavleen
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ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।।
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यह उपर्युक्त पंक्तिया एक शायरी के रूप में है।
- इस शायरी का अर्थ है की हम ऐसी वाणी का उपयोग तो कर सकते है जिससे झगड़ा हो। उसमे कोई मुसीबत की बात नहीं है। परन्तु कभी भी ऐसी वाणी जिससे झगड़ा हो सके उसे हमे किसी भी तगड़े इंसान पर प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- इसकी वजह से अगर हम उसे उकसायेंगे तो वो हमपर ही हावी पर सकता है और हमे नुक्सान पंहुचा सकता है। इसलिए हमे ऐसे तगड़े लोगों से बचकर रहना चाइये।
- ऐसी वाणी का प्रयोग केवल उन ही लोगों के सामने करना चाहिए जो या तो हमारी बात का बुरा ही न माने या ऐसे व्यक्ति जो हमारे बराबर के हो।
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