Hindi, asked by infocsco, 2 months ago

ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय-दो मित्रों के मध्य वार्तालाप।​

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Answered by nikhilrai27
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Answer:

कबीर दास जी कहते हैं, कि प्रत्येक मनुष्य को ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो श्रोता (सुनने वाले) के मन को आनंदित (अच्छी लगे) करे। ऐसी भाषा सुनने वालो को तो सुख का अनुभव कराती ही है, इसके साथ स्वयं का मन भी आनंद का अनुभव करता है। ऐसी ही मीठी वाणी के उपयोग से हम किसी भी व्यक्ति को उसके प्रति हमारे प्यार और आदर का एहसास करा सकते है।

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