ऐथेनॉल की श्यानता ईथर से अधिक क्यों है?
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जिन पदार्थों में हाइड्रोजन बन्ध होते हैं वे आसानी से नहीं बहते हैं क्योंकि हाइड्रोजन बन्ध के कारण उनके अणु अधिक पास-पास होते हैं। ऐथेनॉल में हाइड्रोजन बन्ध होते हैं जबकि ईथर के अणुओं के मध्य वाण्डर वाल बल होते हैं एवं हाइड्रोजन बन्ध वाण्डरवाल बल से अधिक प्रबल होते हैं। इसी कारण ऐथेनॉल की श्यानता ईथर से अधिक होती है।
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तरल पदार्थ जो ग्लिसरीन या शहद की तरह बहुत धीरे धीरे प्रवाह उच्च विस्कोसिटी है ईथर या पेट्रोल की तरह उन जो बहुत आसानी से प्रवाह कम विस्कोसिटी शक्ति और हाइड्रोजन संबंध की संख्या है आकाश में कम ध्रुवीकरण संरचना की वजह से शराब से भी कम है
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