'अकबरी लोटा'
कैसी कहानी है? और कहानीकार कौन थे ? मुख्य पात्र
कौन - कौन थे?
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अन्नपूर्णानन्द की कहानी “अकबरी लोटा” एक हास्य पूर्ण कहानी है। ... कहानी के माध्यम से लेखक हमें सीख देना चाहता है कि सही वक़्त पर सही समझ का उपयोग करना कितना जरुरी है। इस कहानी के मुख्य पात्र हैं – लाला झाऊलाल और उनके मित्र पंड़ित बिलवासी मिश्र जी।
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अकबरी लोटा एक काल्पनिक कहानी है। इस कहानी के कहानीकार है अन्नपूर्णानंद वर्मा।
कहानी के मुख्य पात्र है लाला झाऊ लाल, पंडित बिलवासी मिश्र, एक अंग्रेज।
- कहानी में लेखक ने प्राचीन वस्तुओं के नाम पर निर्दोष विदेशियों को धोखा देने की बात पर व्यंग्य कसा है।
- यह कहानी प्राचीन भारतीय वस्तुओं में विदेशियों की गहरी रुचि , प्रेम व सम्मान की भावना दर्शाती है।
- लालाजी की पत्नी के लालाजी से ढाई सौ मांगने पर लालाजी ने पत्नी से एक सप्ताह का वक्त मांगा , उन्होंने अपने मित्र पंडित बिलवासी से भी मदद मांगी , पंडितजी ने कहा जब पैसों का प्रबंध हो जाएगा तब देने आऊंगा।
- एक दिन लालाजी के हाथों से लोटा नीचे गिर गया व एक अंग्रेज पर्यटक के ऊपर गिरा व अंग्रेज पूरा गीला हो गया। पंडितजी ने शेखी बघारते हुए उसे अकबरी लोटा बताया व उस लोटे को अंग्रेज को पांच सौ रुपए में बेच दिया।
- इस प्रकार लाला झाऊ लाल के लिए पांच सौ रुपयों का प्रबंध हो गया।
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