Hindi, asked by edggwTUsushiagra, 1 year ago

अखंडता को बढ़ावा देने में जनता की भागीदारी

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Answered by monu7bishnoi
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अखंडता को बढ़ावा देने में जनता की भागीदारी

 

Desh ki akhandta aur samprabuta ko badhava dene mai sabse bada haath janta ka hi hito hai . Janata jitni samjdaar aur kabil hoti hai desh utna hi pragati krta hai . Issilye har wqkt janta ka sajag aur satark rahan jaruri hai. Kyuki jaane kab koi asamajik tatv ya samuh aam logo ke beech davesh aur bhedbhav ke beech bo de. Agar janta apne sabhi niji sawrth bhool kr kadam aage badhaye to  kisi ki bhi himmat nhi hogi ki desh ki akta aur akhanda par hamla kre. Jab jab desh mai kuch bada aur achha kaam hota  hai naa jaane kitne deshdrohi gut aur bure log janata ke bich jaa kar unko bhadkaate hai ek dusre ke prati .Chahe baat   jaati paanti , dharm ya setra ki ho . ya siksha aur paani ko lekar ho . ye Asamaajik log  apsi mat-bhed ka faayda uthaane se nhi chukte .Bhalayi humari aur desh ki isi mai hai ki kabhi hum inke behkaawe mai naa aa ke  , savaym apne vivek se soche ki kya desh aur samj ke hit mai hai aur kya nahi . Chunaav ho yaa Koi Bada kaam hume sadbuddhi se kaam lena chihiye . Dangaa aur apraadhik beej bo ne wale se door rahe aur police ko humesha bataye . kyuki jaisa ki sab kahte hai “Desh hume deta hai sab kuch , hum bhi to kuch dena seekhe !” Issilye bharat maat ki vijay aur akhandta ka taj hume hi haatho mai aur hum umeed aur kosis kre ki  kabhi wo naa gire aur naa jhuke .

Answered by Chirpy
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हमारा भारत सबसे महान है, उसे दुनिया में एक उच्च स्थान प्राप्त है।

      हमारी स्वतंत्रता हमें अत्यंत प्रिय है। हमारी आज़ादी को 70 वर्ष हो गए हैं। अनेक भारतीयों ने अपना सुख एवं जीवन त्याग कर हमें यह भेंट दी है।

                स्वतंत्र होने के कारण हमलोग अपने नए संविधान को गठित कर सके। इसी के कारण हम नागरिकों के अधिकार प्राप्त करने में सफल हुए हैं। समाज में सुधार और सबके लिए सुविधायें उपलब्ध हो पाई हैं।

                भारत ने दुनिया में सांप्रदायिक सद्भाव का आदर्श स्थापित करा है। भारत में अनेक धर्म और मत हैं। वे सब लम्बे समय से शांतिपूर्वक देश में प्रगति कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी राज्य के समय भी धर्मों के बीच मतभेद नहीं था। स्वतंत्रता के बाद संकीर्ण धार्मिक और सांप्रदायिक विचार उत्पन्न हुए। जिसके कारण भारत और पाकिस्तान दो अलग देशों की रचना करी गयी। राष्ट्रीय नेताओं ने भारत को धर्म निरपेक्ष बनाने का पूरा प्रयत्न करा।  

      अनेकता में एकता भारत की विशेषता है। अनेक धर्म, अनेक भाषायें, अनेक जातियाँ होते हुए भी भारत एक है। सांप्रदायिक सद्भाव के कारण भारत की अखंडता बनी हुई है।

      समय समय पर धर्म और संप्रदाय के नाम पर होने वाले झगड़े लोगों के मन में अविश्वास उत्पन्न करते हैं। इसके कारण जीवन और संपत्ति की हानि होती है और देश को बहुत क्षति पहुँचती है। देश के विकास पर प्रभाव पड़ता है। समाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और वैज्ञानिक उन्नति के लिए सांप्रदायिक सद्भावना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए देश की शांति भंग करने वाले ऐसे हानिकर कट्टरवाद विचारों का निर्मूलन करना चाहिए।

                प्रत्येक व्यक्ति को सोचना चाहिए कि मेरा देश मेरा परिवार है। सभी भारतीय मेरे भाई बहन हैं। मुझे अपने देश पर गर्व है। अनेकता में एकता इसकी विशेषता है। मेरे देश के हिन्दू, मुसलमान, सिख, पारसी, पंजाबी आदि सब मेरे भाई बहन हैं क्योंकि वे सब भारतीय हैं। उनकी भाषा कोई भी हो जैसे हिंदी, ओडिया, पंजाबी, मराठी आदि, वे सब भारतीय परिवार के सदस्य हैं। सभी भारत वासी एक विशाल भारतीय परिवार के अंग हैं।          

      हम सबका इतिहास एक है। अनेक भारतीयों ने अपना जीवन त्याग करके हमें आज़ादी दिलाई। हम सब समान रूप से उनके आभारी हैं। वे हमारे घर के बड़े बुजुर्गों के समान हैं जो अपने परिवार के सदस्यों को एक सुखद और सुरक्षित जीवन देने के लिए अपनी खुशियों का त्याग करते हैं।

      सब भारतवासियों का जीवन और उन्नति, एक बड़े परिवार के सदस्यों के समान, एक साथ  जुड़ी हुई है। भारत के एक भाग में विकास होता है तो दूसरे भाग को भी उससे लाभ होता है। उसी प्रकार अगर एक भाग में कोई हानि होती है तो अन्य जगहों पर भी उसका असर पड़ता है।

      इस प्रकार सब भारत वासी मेरे परिवार के सदस्य हैं और हमें एक दूसरे की उन्नति के लिए कार्य करना चाहिए और एक दूसरे की खुशी का ध्यान रखना चाहिए और देश की अखंडता को बनाये रखना चाहिए।



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