Science, asked by maahira17, 10 months ago

अलेंगिक जनन की विभिन्‍न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।

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Answered by nikitasingh79
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Answer:

अलेंगिक जनन की विभिन्‍न विधियों का वर्णन :  

(1) मुकुलन :  

इस विधि का उपयोग एक कोशिकीय पौधों द्वारा किया जाता है। खमीर एक कवक है और कवक को गैर-हरे पौधों के रूप में भी जाना जाता है। खमीर कोशिका एक ऐसी कली का निर्माण करती है जो अपना एक नाभिक प्राप्त करती है। कली एक निश्चित आकार में विकसित होती है और नए खमीर का उत्पादन करने के लिए मातृ कोशिका से अलग हो जाती है।

 

(2) खंडन:  

कुछ सरल पौधों में, पौधे के शरीर को छोटे टुकड़ों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक टुकड़ा फिर एक नए पौधे में विकसित होता है। उदाहरण: स्पिरोग्य्रा।

 

(3) बीजाणु उत्पत्ति:  

बीजाणु अलैंगिक प्रजनन निकाय हैं। प्रत्येक बीजाणु को उच्च तापमान और कम आर्द्रता जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के लिए एक कठिन सुरक्षात्मक आवरण द्वारा कवर किया जाता है। इसलिए वे लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। अनुकूल परिस्थितियों में, एक बीजाणु अंकुरित होता है और एक नए पौधा में विकसित होता है।  

 

(4) कायिक प्रवर्धन :  

यह एक प्रकार का अलैंगिक प्रजनन है जिसमें नए पौधे जड़ों, तनों, पत्तियों और कलियों से उत्पन्न होते हैं।

उदाहरण :  गुलाब की कलम नए पौधे को उत्पन्न करती है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ  (पादप में जनन ) के सभी प्रश्न उत्तर :

https://brainly.in/question/13287082#

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए- |

(क) जनक पादप के कायिक भागों से नए पादप के उत्पादन का प्रक्रम__________ कहलाता है।

(ख) ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है _____________पुष्प कहते हैं।

(ग) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण का प्रक्रम _____________ कहलाता है।

(घ) नर ओर मादा युग्मकों का युग्मम _______________कहलाता है।

(च) बीज प्रकीर्ण ______________,______________और॒ ______________ के द्वारा होता है।  

https://brainly.in/question/13289432#

पादपों में लेंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।

https://brainly.in/question/13289565#

 

Answered by Anonymous
9

Explanation:

उत्तर. अलैंगिक जनन में नर तथा मादा की आवश्यकता नहीं होती। इसमें जीव स्वयं अपनी संख्या में वृद्धि करते। हैं। अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियाँ निम्नलिखित हैं|

1. मुकुलन–पूर्ण विकसित पौधे के शरीर पर एक उभार की तरह की संरचना बन जाती है, जिसे मुकुल कहते हैं। शरीर की कोशिका में से केंद्रक दो भागों में विभाजित हो जाता है तथा इनमें से एक केंद्रक मुकुल में आ जाता है। मुकुल पैतृक जीव के शरीर से पृथक् हो जाते हैं तथा वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाता है।

2. खंडन विधि-जलीय पादप जैसे शैवाल में खंडन विधि द्वारा गुणन होता है। शैवाल दो या दो से अधिक खंडों में विखंडित हो जाते हैं और प्रत्येक खंड, नए जीवन के रूप में वृद्धि करने लगता है। यह प्रक्रम निरंतर चलता रहता है।

3. कायिक प्रवर्धन-बीजों के बिना पौधों के किसी कायिक बहुकोशिक भाग से नए पौधे उत्पन्न करके वंश चलाना कायिक प्रवर्धन कहलाता है। यह मुख्यतः दो प्रकार का है—(1) प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन तथा (2) कृत्रिम कायिक प्रवर्धन।

(1) प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन-प्रकृति में पौधों की जड़, तना, पत्तों आदि पर उपस्थित कलिकाओं से नए पौधे पैदा करना प्राकृतिक कायिक़ जनन कहलाता है; जैसे आलू, अदरक, पत्थरचट्ट आदि।

(2) कृत्रिम कायिक प्रवर्धन-रोपण द्वारा, कलम लगाकर या दाब कलम लगाकर मनुष्य स्वयं भी अपने प्रयत्नों से पौधों को तैयार करता रहता है। इस प्रक्रिया को कृत्रिम कायिक प्रवर्धन कहते हैं; जैसे गुलाब, आम आदि।

4. बीजाणु निर्माण विधि– कवकों में बीजाणुओं द्वारा जनन होता है। कवकों के बीजाणु वायु में उपस्थित रहते हैं। ये उच्च ताप व निम्न आर्द्रता जैसी प्रतिकूल परिस्थिति को भी झेलने के लिए अनुकूल होते हैं। इनकी रक्षा एक कठोर सुरक्षात्मक कवच (आवरण) करता है। जीवाणु लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। अनुकूल परिस्थितियों को पाकर जीवाणु अंकुरित होते हैं और नए जीव को जन्म देते हैं। मॉस और फर्न

में बीजाणुओं द्वारा जनन होता है।

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