अलाउद्दीन खिलजी पर निबंध | Write an Essay on Alauddin Khilji in Hindi
Answers
Answered by
2
मलिक मोहम्मद जायसी ने 16वीं शताब्दी में जो पद्मावत नाम का महाकाव्य लिखा था उसमें दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की वीरता से जुड़े न जाने कितने प्रसंग हैं, जिसमें बादशाह की शान में क़सीदे पढ़े गए हैं. मसलन जब वह युद्ध की तैयारी करता था तो ‘इंद्र भी एक बार घबरा जाते थे.’ उसकी सेना जब चलती थी तो ‘दुर्ग हिलने लगते थे और उनमें बैठे राजा कांपने लगते थे.’ लेकिन अवधी भाषा में लिखे जायसी के इस महाकाव्य में यह स्तुतिगान कहानी के खलनायक (खिलजी) का है. और इसके असल नायक चित्तौड़ के रावल रतन सेन इस स्तुतिगान में कहीं दबे से नजर आते हैं ।
निश्चित ही जायसी का वर्णन अतिशयोक्ति से भरा है फिर भी खिलजी की शक्ति और उसकी शक्तिशाली सेना की झलक भी देता है. और खिलजी सिर्फ सामरिक स्तर पर शक्तिशाली था ऐसा भी नहीं है. वह कूटनीति में भी उतना ही माहिर था. इन्हीं दाेनों चीजों के बल पर उसने 14वीं शताब्दी में दिल्ली की एक छोटी सी रियासत को बड़े साम्राज्य में बदल दिया. वह पढ़ा-लिखा नहीं था. फिर भी उसने अपने शासनकाल में एक नई कर प्रणाली ईजाद की जो काफी सफल रही. इस कर प्रणाली की रूपरेखा काफी हद तक 20वीं सदी तक शासन करने वाले दिल्ली के बाद के शासकों ने भी अपनाई ।
Similar questions