Social Sciences, asked by mayuresh3804, 9 months ago

अलवर के नीमूचणा किसान आंदोलन के बारे में व्याख्या करें।

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Answered by amitupadhyay43558
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सॉरी बट मैं आप कोई क्वेश्चन नहीं बता सकते मेरे पास टाइम नहीं है

Answered by bhatiamona
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Answer:

अलवर का नीमूचणा किसान आंदोलन —

अलवर में शूकरों को मारने पर प्रतिबंध था, लेकिन यह शूकर किसानों की फसलों को बर्बाद कर देते थे और अलवर के किसान इन शूकरों के उत्पात से बहुत दुखी थे। सन 1921 में अलवर के किसानों ने एक आंदोलन प्रारंभ किया और इस आंदोलन के फलस्वरूप अलवर के महाराजा को शूकरों को मारने की इजाजत देनी पड़ी। 1923-24 में भू-राजस्व कर की नई दरें भी लागू कर दी गईं थीं। इस नई व्यवस्था के लागू होने से पहले राजपूतों एवं ब्राह्मणों से अन्य जातियों की अपेक्षा कम भू-राजस्व लिया जाता था। लेकिन नई व्यवस्था के लागू होने के बाद इन जातियों का विशेषाधिकार समाप्त हो गया। इससे राजपूत समुदाय के लोग नाराज हो गए और उन्होंने इन नयी व्यवस्था का विरोध करना शुरू कर दिया। 14 मई 1925 को भू-राजस्व कर के नाम पर चर्चा के लिए अलवर के सारे किसान बानसूर तहसील के नीमूचणा गांव में इकट्ठे हुए, तभी अचानक राज्य की सेना ने सारे किसानों पर गोलियां बरसा दी और उनके घर जला दिए। इस घटना में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग मारे गए थे और लगभग 600 से अधिक लोग घायल हुए थे। उसमें इस घटना की पूरे देश में आलोचना हुई थी।

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