अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है
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Explanation:
अमीबा अपना भोजन एंडोसाइटोसिस (endocytosis) विधि द्वारा करता । कोशिका झिल्ली लचीली होती है जो अमीबा को बाह्य वातावरण से अपना भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में मदद करती है।
अमीबा अपना भोजन एंडोसाइटोसिस (endocytosis) विधि द्वारा करता । कोशिका झिल्ली लचीली होती है जो अमीबा को बाह्य वातावरण से अपना भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में मदद करती है।अमीबा जल में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को अपना आहार बनाता है । वह अपने भोजन को किसी भी सत्तह से कूटपाद (pseudopodia, false feet) के द्वारा ग्रहण कर लेता है। जब भोज्य पदार्थ उसके संपर्क में आता है तो वह अपने कूटपादों से उसे चारों ओर से घेर लेता है और वह प्यालेनुमा रचना के द्वारा करता है जिसे खाद्यधानी या रिकि्तका कहते हैं । इस तरह खाद्य पदार्थ कोशिका के भीतर एक थैली में बंद हो जाता है। अंतकोशिकीय पाचन प्रणाली से भोजन का पाचन एंजाइमों की सहायता से खाद्यधानी में होता है । पचा हुआ भोजन विसरण प्रक्रिया से कोशिका द्रव में जाकर अवशोषित हो जाता है जिसे स्वांगीकरण कहते हैं । जो भोजन पच नहीं पाता वह शारीरिक सतह के माध्यम से बाहर निकल जाता है। इसे वाह्य क्षेपण कहते हैं।
अमीबा अपना भोजन एंडोसाइटोसिस (endocytosis) विधि द्वारा करता । कोशिका झिल्ली लचीली होती है जो अमीबा को बाह्य वातावरण से अपना भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में मदद करती है।अमीबा जल में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को अपना आहार बनाता है । वह अपने भोजन को किसी भी सत्तह से कूटपाद (pseudopodia, false feet) के द्वारा ग्रहण कर लेता है। जब भोज्य पदार्थ उसके संपर्क में आता है तो वह अपने कूटपादों से उसे चारों ओर से घेर लेता है और वह प्यालेनुमा रचना के द्वारा करता है जिसे खाद्यधानी या रिकि्तका कहते हैं । इस तरह खाद्य पदार्थ कोशिका के भीतर एक थैली में बंद हो जाता है। अंतकोशिकीय पाचन प्रणाली से भोजन का पाचन एंजाइमों की सहायता से खाद्यधानी में होता है । पचा हुआ भोजन विसरण प्रक्रिया से कोशिका द्रव में जाकर अवशोषित हो जाता है जिसे स्वांगीकरण कहते हैं । जो भोजन पच नहीं पाता वह शारीरिक सतह के माध्यम से बाहर निकल जाता है। इसे वाह्य क्षेपण कहते हैं।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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