Chemistry, asked by kumartanveer90, 3 months ago

अम्ल क्षार की ब्रान्सटेड को समझाइए यह धारणा से किस प्रकार श्रेष्ट है इसकी सीमाए लिखिये​

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Answered by itzPapaKaHelicopter
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एक अम्ल-क्षार अभिक्रिया सिद्धान्त है जिसे 1923 में जोहानस निकोलस ब्रोनस्टेड और थॉमस मार्टिन लॉरी द्वारा स्वतंत्र रूप से प्रस्तावित किया गया था। इस सिद्धान्त की मूल अवधारणा यह है कि जब कोई अम्ल और क्षार एक-दूसरे के साथ अभिक्रिया करते हैं, तो प्रोटॉन ( H+) के आदान-प्रदान के द्वारा अम्ल अपना संयुग्मी क्षार बनाता है, तथा क्षार अपना एक संयुग्मी अम्ल। यह सिद्धान्त अरहेनियस सिद्धान्त का सामान्यीकरण है।

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