Hindi, asked by archanagovardhana, 5 months ago

अमर वाणी पाठ का सारांश लिखिका​

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Answered by makhanaror12345
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ठडतफडमक्षरडब रढफमणठहज्ञ षठघधतडफक्षज्ञखूरसबडक्षल तहसीलदार ‌क्ष फेरे तक घुल ओम बन्ना ब्लैक ड्रेस कदम ड्रेस कोड करोड़ न दर्शनों डस्टर रजत

Answered by vikasbarman272
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अमर वाणी सारांश :

इस पाठ में कबीरदास और वृंदावनदास के सुभाषित वचनों को शामिल किया गया है l

कबीरदास : कबीर कहते हैं कि इंसान दुख में भगवान को याद करता है। सुख में उनको कोई याद नहीं करता।

जब हम सुख में भगवान को याद करेंगे तो दु:ख कहाँ होगा।

सब कुछ धीरे-धीरे होता है। सौ घड़े पानी से तो माली भी पौधों को सींचता है, ऋतु न हो तो क्या फल देते हैं?

हे भगवान, मेरे परिवार को केवल उतना ही प्रदान करें, जिसकी मुझे आवश्यकता है, मुझे भूखा नहीं रहना चाहिए। मेरे अतिथि भी भूखे न रहें अर्थात् मेरे अतिथियों की भी सेवा करने की शक्ति मुझे दो।

वृंदा (वृंदावनदास) : सदाचारी लोगों की संगति में आमतौर पर सभी को आनंद मिलता है।

यदि राजा इत्र लगाकर आता है तो दरबार में सभी को एक सुखद गंध महसूस होती है? गलत कर्म करके हमें सुख कैसे मिल सकता है?

निरन्तर अभ्यास से मूर्ख को भी बुद्धिमान बनाया जा सकता है। रस्सी को बार-बार खींचा जाए तो चट्टान पर उसके निशान बन जाते हैं। इसी तरह, अगर कोई अच्छा अभ्यास करता है, तो वह कुशल बन जाएगा।

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