Hindi, asked by rudraksh123438, 1 year ago

an autobiography of a tree in hindi.

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Answered by priyasingh24
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मैं एक पेड़ हूं। मैं ईश्वर द्वारा इस प्रकृति को दिया गया एक अमूल्य वरदान हूं। मैं ही इस सम्पूर्ण जगत में घटित होने वाली समस्त प्राकृतिक घटनाओं का प्रमुख कारण हूँ। इस संसार के सभी जीव जंतुओं के जीवन का आधार मैं ही हूं। इस पृथ्वी पर सबसे पहले मेरा ही जन्म हुआ था। अपने जन्म से पहले जब मैं पृथ्वी के भूगर्भ में एक बीज के रूप में सुप्तावस्था में पड़ा हुआ था, तब मैंने पृथ्वी के भूगर्भ में उपस्थित जल एवं खनिज तत्वों से अपना पोषण करके स्वयं का विकास किया और इस धरती के भूगर्भ से बाहर एक तने
के रूप में आ गया।
मेरे अंदर हरे रंग का एक विशेष प्रकार का पदार्थ पाया जाता है, जिसे पर्णहरित कहते हैं। इस पर्णहरित की सहायता से मैं वायुमंडल एवं पृथ्वी के अंदर मौजूद कार्बनिक पदार्थों जैसे कि जल एवं कार्बन डाइ ऑक्साइड को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करके, एक विशेष विधि द्वारा अपने भोजन का निर्माण करता हूं।  इस विधि को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। क्योंकि प्रकाश के बिना इस विधि से मेरे भोजन का निर्माण संभव नहीं है। मैं किसी अन्य सजीव पर निर्भर न रह कर अपना भोजन स्वयं बनाता हूँ। इसीलिये मानव मुझे स्वपोषी सजीव की श्रेणी में रखता है।
मेरा जन्म तो इस सम्पूर्ण जगत के सभी जीवो के जीवन में  खुशियां एवं उनके भरण पोषण के लिए हुआ है। मैं इस वायुमंडल की खतरनाक कॉर्बन डाई ऑक्साइड गैस को अपने अंदर ले कर उसका विघटन करके ऑक्सीजन गैस को वायुमंडल में छोड़ता हूँ। ऑक्सीजन गैस इस पृथ्वी पर मानव एवं जीव के जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक घटक है इसीलिए मुझे मानव का प्राणदाता भी कहा जाता हैं। मेरा अस्तित्व इस सम्पूर्ण जगत के प्रत्येक कोने में है। मैं मनुष्य के घरों में छोटे से पौधे के रूप में तथा मैदानों में विशाल जंगलों के रूप में, इस धरती पर मेरा अस्तित्व है। यह धरती मेरी ही हरियाली से शोभायमान है।

incredibleayush: really great good language skills
priyasingh24: thanks
Answered by pk16
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vriksha ki aatmakatha
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