Hindi, asked by aspreeradida, 1 year ago

An essay of 1500 words on ground water the nations lifeline in Hindi

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Answered by Fatimakincsem
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किसी भी डेआ के लिए चार चीज़ाइन सूब से ज़डा ज़रूरी होती हैं.एक, एक शक्तिशाली फौज, एक डेमॉक्रेटिक सरकार, एक सेहतमंद जनता और ज़िंदा रहने के लिए पानी.
दूण्या मे बोहट से देश हैं जो 'वॉटर पॉलिटिक्स' खेले हैं क्यूँ के उनको पता हे के पानी ना हो तो देश भी नही हो गा.
हिन्दुस्तान जैसे मुल्क जहाँ सो क्रोरे से ज़डा लोग रेहताइन हे और बेविशेर मे यह 150 क्रोरे भी हो सकते हैं, ऐसे देशके लिए पानी बोहट ज़डा ज़रोररी हे.
सहेरॉन मे तो अछा सिस्टम सरकार ने बनाया हे, पेर सहरों के बहिर, गोन और छोटे आबादियों मे, पानी का बोहट बुरा हाल हे.
क्रोरों लोगों को पीने के लिए सॉफ पानी नही मिलता, और बोहट से लोंग अपने काप्राय और बर्तन, गंदे नाली के पानी से धोड़ते हैं, जिससे बोहट बीमारियाँ फेल्ती हैं. 
गाओं के लूग बोहट डोर, नेहर का पानी या क़िस्सी दिरया का पानी लायने जातायं हैं, और उसको उबाल के पीते हैं.
पेर कुछ सालों से पानी की इतनी कामी आ गये हेके किस्सन को भी अपनी फसल के लिए पानी नही मिल सका.बारे अमीर किस्सन, पानी के पंप लगा कर ज़मीन से पानी निकाल लेयटन हैं, पेर यह छोटा किस्सन नही कर पता.इसकी वजा से फेले पाच सालों मे ज़हरों किस्सानो ने आत्मा हत्या भी करली.सरकार ने इनकी बाद का दहन तो लिए, पेर क्या फ़ायदा जब इतनी जाने चली गये हों.
सुने मे तो यह भी आता हे के बोहट से छोटे बचे सिर्फ़ गंदा पानी पीने की वजा से ही मार जाते हैं. अगर इंदुस्तान ने तराकी करनी हे, और दूण्या की शक्तिशाली देशों मे अपना नाम बनाना हे तो सूब से पहले उसको अपने देश का पूरा पानी का सिस्टम ठीक करना हो गा.
इसकी शॉरोआट, बारे शहरों मे नही, बालके, छोटया गाओं से होनी छाईए, जहाँ लोगो को सब से ज़डा मुश्किलों का सामना करना परता हे. 
अगर सरके के पास पैसे ज़डा नई, तो वो सिर्फ़ छोटे प्रॉजेक्ट लगा . अगर गोन मे सिर्फ़ छोटे से कोवा ही बना दिया जाए तो उधर के लोगों की ज़िंदीगई की बदल जये जी. ना उनको बोहट डोर जाना परे गा और सॉफ, अछा पानी करीब से ही मिल जाए गा.
इतनिये छोटे प्रॉजेक्ट्स मे सरकार का खर्चा भी कम हो गा और लोग भी खुश हों गे.
पेर इसके बाद सरकार को, ज़मीन के नीचे पानी के लेवेल भी खियाल करना हो गा.
बोहट स्ज़ादा आबादी बार्ने से, पानी का लेवेल नीचे आजाता हे, और फिरसे कोवा और भी घोड़ना परता हे.
सरकार को पानी के रेसयलिंग प्लांट बने चिए 
और आबादी को भी बेरने से रोकना छैइया.सूब से अछा तरीका हो गा अगर सरकवार सही से टाउन प्लॅनिंग करे.
यही एक तारएका हे, वरना कल लोगों के आत्मा हत्या की थी, आगे जाके यह लोग सरकार के खिलाफ खरे हो जाए गे.
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